अगले 5 वर्ष में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री 100% इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्‍य रखे भारत : अमिताभ कांत

कोविड महामारी के बाद ईवी ने बिक्री में तेज वृद्धि और बाजार में विस्तार असाधारण बढ़ोतरी देखी. सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के अध्ययन में पाया गया है कि जिन राज्यों में उपभोक्ता प्रोत्साहन की नीतियां लागू हैं, वहां पर बिना प्रोत्साहन वाले राज्यों की तुलना में बाजार में दोगुना वृद्धि दर्ज की.

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अमिताभ कांत ने कहा, ई-बसों पर भी हमारा ध्यान होना चाहिए
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कहा-इससे वायु प्रदूषण घटेगा, EV निर्माण में हम बन सकेंगे चैंपियन
ई-मोबिलिटी ट्रांजिशन को प्रमोट करने के लिए वित्त पोषण जरूरी
ई-बसों पर भी हमारा ध्यान होना चाहिए
नई दिल्‍ली:

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, “देश को अगले पांच साल में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखना चाहिए. यह न केवल वायु प्रदूषण को घटाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि हम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स के विनिर्माण में वैश्विक चैंपियन बन सकें. आवागमन के सार्वजनिक साधन एक सभ्य समाज की रीढ़ है. ई-बसों पर भी हमारा ध्यान होना चाहिए.” उन्होंने यह बात काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) की ओर से आयोजित ‘नेशनल डायलॉग ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ई-मोबिलिटी' को संबोधित करते हुए कही.  अमिताभ कांत ने यह भी कहा, “ई-मोबिलिटी ट्रांजिशन को प्रोत्साहित करने के लिए, वित्त पोषण बहुत महत्वपूर्ण है. पर्याप्त मात्रा में निजी-पूंजी का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए फर्स्ट लॉस गारंटीज, क्रेडिट में विस्तार और मिश्रित वित्त पोषण जैसी प्रणालियों को लाने की आवश्यकता है. हमें निश्चित तौर पर 50 लाख (पांच मिलियन) फास्‍ट चार्जर्स लगाने और बैटरी स्वैपिंग व स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) पर जोर देने का लक्ष्य भी रखना चाहिए.” 

इस दौरान उन्होंने सीईईडब्ल्यू के सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस (सीईईडब्ल्यू-सीईएफ) के अध्ययन ‘ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर' को भी जारी किया. ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपी समर्थित इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की बिक्री पहले के संपूर्ण वित्त वर्ष से ज्यादा रही. सितंबर 2022 में कुल ऑटो बिक्री में ईवी का हिस्सा 6 प्रतिशत रहा, जो जनवरी 2021 की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत अधिक था. गौरतलब है कि कोविड महामारी के बाद ईवी ने बिक्री में तेज वृद्धि और बाजार में विस्तार असाधारण बढ़ोतरी देखी. सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के अध्ययन में पाया गया है कि जिन राज्यों में उपभोक्ता प्रोत्साहन की नीतियां लागू हैं, वहां पर बिना प्रोत्साहन वाले राज्यों की तुलना में बाजार में दोगुना वृद्धि दर्ज की 

फेम-II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को बढ़ावा देने में बहुत असरदार रही है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स हिस्सा, फेम-II योजना के 56 प्रतिशत यूनिट लक्ष्य को हासिल कर चुका है. लेकिन ई-रिक्शा सहित इलेक्ट्रिक-थ्री-व्हीलर्स और कमर्शियल इलेक्ट्रिक-फोर-व्हीलर्स अभी काफी पीछे हैं. ये दोनों ईवी फेम-II का सिर्फ 12 प्रतिशत यूनिट लक्ष्य ही प्राप्त कर सके हैं. सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ अरुणभा घोष ने कहा, “भारत के ऑटो सेक्टर में ईवी की बहुत महत्वपूर्ण जगह रही है, और यह लगातार मजबूत हो रही है. हम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स के लिए एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के तौर पर उभरने के लिए एक अच्छी स्थिति में हैं. सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के अध्ययन में सामने आया है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और ई-रिक्शा संयुक्त रूप से भारत में ईवी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखते हैं, जो कुल बाजार का 93.5 प्रतिशत है. अकेले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में लगभग तीन लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और 1.7 लाख ई-रिक्शा की बिक्री हुई, जो इन दोनों ही श्रेणियों के लिए अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री का रिकॉर्ड है. यह अध्ययन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन सेवा पोर्टल से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है.  वाहन सेवा पोर्टल ने रिपोर्ट जारी होने के समय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लक्षद्वीप और मध्य प्रदेश के आंकड़ों को हटा दिया था.

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