भारत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की टिप्पणी को लेकर कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय ने उच्चायुक्त से कहा कि 'किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में 'बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप' है.'विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे मिशन के सामने भीड़ जमा होने को बढ़ावा मिला, जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है. गौरतलब है कि भारत में किसान आंदोलन को लेकर एक दिसंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की प्रतिक्रिया आई थी. इस बारे में सामने आए एक वीडियो में ट्रूडो कहते नजर आ रहे हैं कि 'कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों के बचाव में खड़ा है.'
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केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ तेज हो चुके किसानों के आंदोलन का बचाव करते हुए ट्रूडो ने कहा कि 'स्थिति चिंताजनक है'. गुरु नानक देव की 551वीं जयंती पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए ट्रूडो ने अपने बयान में कहा, 'भारत से किसानों के आंदोलन की खबर आ रही है. स्थिति चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवार-दोस्तों को लेकर फिक्रमंद हैं. मुझे पता है ऐसे बहुत से लोग हैं. मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अधिकार के बचाव में खड़ा है.'
स्वाभाविक है, किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के पीएम की यह प्रतिक्रिया भारत को रास नहीं आई थी. भारत की ओर से, मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘भ्रामक सूचनाओं' पर आधारित और ‘अनुचित' बताया था क्योंकि यह मामला एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमने कनाडाई नेता द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है. इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों.' मंत्रालय ने एक संदेश में कहा, ‘बेहतर है कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाए.'