भारत-रूस के बीच बैठक : चीन के साथ नजदीकी पर रूसी विदेश मंत्री से पूछा गया सवाल तो ये मिला जवाब

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत यात्रा पर आए हुए हैं. आज उनकी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक थी जिसमें दोनों देशों ने न्यूक्लियर उर्जा, डिफ़ेंस, आर्थिक, कनेक्टिविटी और रूसी वैक्सीन पर भी बात की.

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भारत और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच नई दिल्ली में अहम बैठक.
नई दिल्ली:

भारत की करीबी मित्र देश रूस के साथ मंगलवार को नई दिल्ली में अहम बैठक हुई है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत यात्रा पर आए हुए हैं. आज उनकी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक हुए है, जिसके बाद दोनों देशों की ओर से एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस के संबंध हमेशा बहुत मज़बूत, अलग और स्थिर रहे हैं. वहीं रूसी विदेश मंत्री से चीन के साथ संबंधों पर भी सवाल पूछे गए. 

कॉन्फ्रेंस में सर्गेई लावरोव से रूस की चीन से नज़दीकी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 'चीन से हमारे संबंध किसी देश के खिलाफ नहीं हैं.'

एस जयशंकर ने बताया कि इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने न्यूक्लियर उर्जा, डिफ़ेंस, आर्थिक, कनेक्टिविटी और रूसी वैक्सीन पर भी बात की. उन्होंने यह भी बताया कि अगले कुछ महीनों में भारत आ रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा की तैयारियों पर काफी विस्तृत चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध ऊर्जापूर्ण और उत्साहपूर्ण हैं.

उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग और कनेक्टिविटी के मुद्दे पर भी बात की, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय उतर-पश्चिम परिवहन गलियारा और चेन्नई-व्लॉडिवॉस्टक मैरिटाइम कॉरिडोर पर भी चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि दोनों देश एक दूसरे में बड़े स्तर पर निवेश करना चाहते हैं. रूस का योगदान भारत के गगनयान प्रोग्राम में अहम है. वहीं, रक्षा जरूरतों के मुद्दों पर रूस ने सहयोग दिया है.

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उन्होंने रूसी वैक्सीन को लेकर कहा कि 'हमने वैक्सीन पर चर्चा की है. हमारे रेगुलेटर्स को तय करना है किस वैक्सीन का कितना उत्पादन किया जाए. भारत में बने वैक्सीन कई देशों को भेजे जा रहे हैं.' बता दें कि रूसी वैक्सीन का भारत में उत्पादन करने के विषय पर काफी वक्त से चर्चा चल रही है.

उधर, अफ़गानिस्तान मुद्दे पर लावरोव ने कहा कि 'कोई भी समझौता हर पक्ष को साथ लेने पर ही हो सकता है. इसके बिना शांति और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती. भारत की भी इसमें भूमिका है.' अमेरिकी ‘दबाव' के सवाल पर लावरोव ने कहा कि 'हमने नहीं कहा कि (डिफ़ेंस डील नहीं करने को लेकर) अमेरिका दबाव बना रहा है। ऐसी बात अमेरिका की तरफ़ से ही की जाती है.'

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(ANI से इनपुट के साथ)

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