अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद के लिए सर्वाधिक वोटों के साथ फिर से चुना गया भारत

चुनाव के तुरंत बाद दोरईस्वामी ने कहा, ‘‘भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में सेवा जारी रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से हम प्रसन्न और अभिभूत हैं.’’

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आईएमओ की 33वीं सभा 27 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच लंदन में आईएमओ मुख्यालय में आयोजित हो रही है. (प्रतीकात्‍मक)
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  • भारत को IMO परिषद के चुनाव में द्विवार्षिक सत्र के लिए फिर से चुना गया
  • 2024-25 द्विवार्षिक सत्र के लिए भारत को सर्वाधिक वोट के साथ चुना गया
  • IMO में भारत की निरंतर सेवा का अटूट रिकॉर्ड बरकरार रहा
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लंदन:

भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organization) परिषद के लिए यहां शुक्रवार को हुए चुनाव में 2024-25 द्विवार्षिक सत्र के लिए सर्वाधिक वोट के साथ फिर से चुन लिया गया. भारत का फिर से चुना जाना ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ 'अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि' वाले 10 देशों की श्रेणी में आता है. ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि यह वैश्विक समुद्री संचालनों में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 

चुनाव के तुरंत बाद दोरईस्वामी ने कहा, ‘‘भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में सेवा जारी रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से हम प्रसन्न और अभिभूत हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘आज लंदन में श्रेणी ‘बी' में आईएमओ परिषद के लिए चुनाव में सर्वाधिक वोट के साथ हमें फिर से चुना गया, जिससे आईएमओ में भारत की निरंतर सेवा का एक गौरवपूर्ण और अटूट रिकॉर्ड बरकरार रहा. यह पूरी तरह से हमारी सरकार द्वारा विशेष रूप से हाल के वर्षों में हमारे घरेलू नौवहन क्षेत्र के तेजी से विस्तार और विकास और वैश्विक समुद्री संचालन में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए दी गई उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है.''

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आईएमओ की 33वीं सभा 27 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच लंदन में आईएमओ मुख्यालय में आयोजित हो रही है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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