भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) इस समय तेज गति से आगे बढ़ रही है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) का कहना है कि भारत ने 'वैश्वीकरण युग' के नाम पर बहुत लंबे समय तक "अनुचित प्रतिस्पर्धा" को झेला है. उन्होंने कहा कि अगर प्रतिस्पर्धा अनुचित है, तो भारत के पास इसे खत्म करने की क्षमता होनी चाहिए. शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की 96वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि इतिहास भारत के पक्ष में है और हर योग्य सूचकांक भारत के पक्ष में काम कर रहा है.
जयशंकर ने कहा, "देश और विदेश दोनों जगह हमारे लिए अनुचित प्रतिस्पर्धा से सुरक्षा वास्तव में एक चुनौती है. हम डेटा कैसे प्राप्त करते हैं? हम समझ कैसे बनाते हैं... हम यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि यह नीतियों में शामिल हो? तो फिर कैसे क्या हम अपनी सुरक्षा का निर्माण करते हैं? और हम अनुचित प्रतिस्पर्धा के खिलाफ कैसे कार्रवाई करते हैं, क्योंकि बहुत लंबे समय से इस देश (भारत) ने वैश्वीकरण युग के नाम पर अनुचित प्रतिस्पर्धा को झेला है, ऐसा ही होता है."
विश्व, भारत की विकास यात्रा के साथ आगे बढ़ेगा...
उन्होंने कहा, "हमें इस अनुचित प्रतिस्पर्धा के साथ नहीं रहना है. यदि प्रतिस्पर्धा अनुचित है, तो हमारे पास इसे चुनौती देने की क्षमता होनी चाहिए. आखिरकार, हम भारत के वैश्वीकरण में कैसे मदद कर सकते हैं, क्योंकि दुनिया वैश्वीकरण कर रही है. इतिहास हमारे पक्ष में है. हर सूचकांक हमारे पक्ष में काम कर रहा है. अगले 25 वर्ष केवल भारत के 'विकसित भारत' के रूप में आगे बढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि असल में एक विकसित भारत के रूप में दुनिया के बढ़ने के भी संकेत हैं. यानि विश्व, भारत की विकास यात्रा के साथ आगे बढ़ेगा."
अब भारत को विश्व का निर्माता कहा जाता है...
समय के साथ दुनिया में भारत की स्थिति कैसे बदली है...? इस पर रोशनी डालते हुए जयशंकर ने कहा कि 15 साल पहले, भारत को दुनिया का बैक ऑफिस कहा जाता था. हालांकि, उन्होंने कहा कि आज भारत को "दुनिया की फार्मेसी, दुनिया का डिजाइनर और दुनिया का निर्माता" कहा जाता है. उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि लगभग 15 साल पहले, हमें दुनिया का बैक ऑफिस कहा जाता था. आज, हमें दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है. हमें दुनिया का डिजाइनर कहा जाता है. हमें शोधकर्ता कहा जाता है. हमें विश्व का निर्माता कहा जाता है. हमें डिजिटल यानि डिजिटल पायनियर कहा जाता है."
भारत की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि जब हम अपनी उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, तो यह कुछ वास्तविक, समसामयिक और बाकी दुनिया के लिए प्रभावशाली होता है. मैं वैक्सीन, हमारे द्वारा प्रदान की गई दवाएं, 5जी स्टैक जैसे विषयों पर बातचीत करता हूं. हम यूपीआई भुगतान शुरू कर रहे हैं, जो अन्य सभी प्रतिस्पर्धी स्रोतों को बौना बना देता है. हम खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं. ये लंबे समय से चली आ रही समस्याएं हैं, लेकिन जिसका हमें बेहतर से बेहतर समाधान ढूंढने की जरूरत है.
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