भारत ने ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर आने के बाद कनाडा को अलगाववादियों एवं चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह ठीक नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि अपनी जमीन से खालिस्तान समर्थकों को परिचालन करने की अनुमति देने पर ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के लिए भी उनका यही संदेश है.
फर्जी तरीके से दाखिला को लेकर करीब 700 भारतीय छात्रों को कनाडा से वापस भेजे जाने की स्थिति के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर कनाडा के साथ सम्पर्क में है. कनाडा का अपनी जमीन से भारत विरोधी तत्वों को काम करने की अनुमति देना न केवल उसके लिए बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी ठीक नहीं है. जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं सोचता हूं कि इससे वृहद मुद्दा जुड़ा हुआ है और जो वृहद मुद्दा जुड़ा है, वह कनाडा का लगातार (चरमपंथियों को) स्थान देना है.''
उन्होंने कहा, ‘‘ स्पष्ट रूप से हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वोट बैंक की राजनीति के अलावा कोई ऐसा क्यों करेगा.'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ क्योंकि आप अगर उनके इतिहास को देखें, तब आप कल्पना करेंगे कि वे इतिहास से सीखते हैं और वे इतिहास नहीं दोहराना चाहेंगे. यह केवल एक मुद्दा नहीं हैं.'' जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि अलगाववादियों, चरमपंथियों, हिंसा की वकालत करने वालों को महत्व देने के पीछे वृहद निहित मुद्दे हैं और मैं सोचता हूं कि यह संबंधों के लिए भी अच्छा नहीं है और कनाडा के लिए भी ठीक नहीं है.''
सोशल मीडिया में आई कुछ खबरों के मुताबिक, कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए हाल ही में झांकी निकाली. वहीं, भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने ट्वीट किया कि हिंसा या घृणा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ कनाडा में एक कार्यक्रम की खबरों से मैं स्तब्ध हूं जिसमें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का उत्सव मनाया गया. कनाडा में हिंसा या घृणा का महिमामंडन करने के लिए कोई स्थान नहीं है. ''
कांग्रेस ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना की निंदा करते हुए बृहस्पतिवार को सरकार से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष मजबूती से उठाए.कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे घिनौना कृत्य भी करार दिया. कनाडा के आतंरिक मामलों में हस्ताक्षेप के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा भारत की आलोचना करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा, '' उल्टा चोर कोतवाल को डांटे . अगर किसी को कोई शिकायत है तो हमें कनाडा से शिकायत है.''
खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों के बारे में एक सवाल के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा के अलावा हमारे ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के साथ भी मुद्दे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ यह संदेश केवल कनाडा तक सीमित नहीं है. कनाडा का मुद्दा सामने आया, क्योंकि आपने इसे उठाया और कुछ घटनाएं हाल में कनाडा में घटी. अगर ऐसी घटनाएं कहीं और घटती तब भी हम यही बातें कहते.'' कुछ भारतीय छात्रों को पेश आ रही परेशानियों के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को कनाडा के अधिकारियों के समक्ष उठाया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर ऐसे लोग हैं जो उन्हें (छात्रों को) गुमराह करते हैं तो दोषी पक्षों पर कार्रवाई की जानी चाहिए . नेक नियति से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को दंडित करना उचित नहीं है.'' विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ कामन्स में इस मुद्दे पर बयान दिया है.जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम इस मुद्दे पर कनाडा के सम्पर्क में हैं.''
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)