India-Pakistan Tension: पाकिस्तानी जनरल ने भारत के खिलाफ ऐसा सेल्फ गोल वाला बयान दिया कि अब उसी की फजीहत हो रही है. पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक ब्रीफिंग में भारत के नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट्स को सामने रखा था, जिसमें भारत सरकार की आलोचना की गई थी. इस पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि ये लोकतांत्रिक व्यवस्था में होता ही है, जिसे समझना पाकिस्तान के बस में नहीं है.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा-हमने टेलीविजन पर दिखाई गई कुछ टिप्पणियों में देखा कि पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता को इस बात पर खुशी होती है जब भारत की जनता विभिन्न मुद्दों पर भारत सरकार की आलोचना करती है, हालांकि पाकिस्तान के लिए ये आश्चर्य की बात हो सकती है किसी देश के नागरिक अपनी ही सरकार की आलोचना करें, ये एक खुले और कार्यशील लोकतंत्र की पहचान है. पाकिस्तान का इससे अनभिज्ञ होना हैरानी की बात नहीं है. ये जवाब पाकर उसकी नींद उड़ जाना तय है, क्योंकि सोशल मीडिया पर उनकी जमकर फजीहत हो रही है. विक्रम मिस्री के जवाब वाले वीडियो को शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने 'जे बात' कहकर शेयर किया है.
पाकिस्तान उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है
इसके साथ ही विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तानी सेना की उकसाने वाली कार्रवाइयों का नपातुला जवाब दिया है. साथ ही ये भी बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर और पंजाब में निर्दोष लोगों और असैन्य बुनियादी ढांचे को लगातार निशाना बना रहा है.
पाकिस्तान के झूठे दावों की खोली पोल
विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल भी खोली जिसमें कहा गया कि भारत में विभिन्न स्थानों औऱ सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करने के दावे किए गए हैं. विक्रम ने बताया कि ये सरासर झूठे हैं. सिरसा और सूरत वायुसेना अड्डों को नष्ट करने के पाकिस्तान के दावे पूरी तरह झूठे हैं. आदमपुर स्थित एस-400 बेस को नष्ट करने का दावा भी सरासर झूठ है.
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले का भी बोला झूठ
मिस्री ने ये भी कहा कि भारत में समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने का भी लगातार प्रयास किया जा रहा है. विदेश सचिव ने पाकिस्तान के इस आरोप को भी झूठा बताया कि भारतीय मिसाइलों ने अफगानिस्तान पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि ये भी बिल्कुल बेतुका दावा है कि भारतीय मिसाइलों ने अफगानिस्तान पर हमला किया है. यह पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप है और मैं केवल यह बताना चाहता हूं कि अफगान लोगों को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि वह कौन-सा देश है, जिसने पिछले डेढ़ साल में कई मौकों पर अफगानिस्तान में असैन्य आबादी और असैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. (इनपुट्स भाषा से भी)