रूस के लिए सबसे बड़ा खरीददार बना भारत, हर दिन मंगाया 10 लाख बैरल कच्चा तेल

वोर्टेक्सा लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल के आयातक ने दिसंबर में रूस से औसतन 1.2 मिलियन बैरल प्रति दिन की खरीदारी की. यह नवंबर की तुलना में 29% अधिक है.

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भारत ने जून में 942,694 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की खरीदारी की थी.
नई दिल्ली:

भारत रूस के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. पिछले कुछ महीनों में भारत रूस से सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात कर रहा है. देश ने एक साल पहले की तुलना में 33 गुना अधिक आयात किया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने दिसंबर में पहली बार रूस से 10 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था. वहीं, रूस ने अकेले दिसंबर में भारत को 1. 19 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की सप्लाई की है. रूस से भारत को कच्चे तेल का निर्यात उस समय चरम पर था, जब यूरोपीय संघ और अमेरिका ने रूस के तेल पर प्राइस कैप लगा दिया था.

वोर्टेक्सा लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल के आयातक ने दिसंबर में रूस से औसतन 1.2 मिलियन बैरल प्रति दिन की खरीदारी की. यह नवंबर की तुलना में 29% अधिक है. कई महीने पहले इराक और सऊदी अरब को पछाड़ने के बाद रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल स्रोत है. नवंबर में रूस से आयात किए गए कच्चे तेल के 909403 बैरल प्रति दिन रहा. अक्टूबर 2022 में 935, 556 बैरल प्रति दिन रहा. रूस ने सबसे अधिक कच्चे तेल के आयात का रिकॉर्ड पिछले साल जून में बनाया था. भारत ने जून में 942,694 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की खरीदारी की थी.

वहीं, रूस अप्रैल-दिसंबर 2022 में व्यापार आयात करने वाले दुनिया के 10 देशों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में रूस से भारत को तेल आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. जिसके कारण रूस इस स्थान पर पहुंचा है. भारत के कुल क्रूड आयात में अफ्रीकी तेल की हिस्सेदारी मार्च में 14.5% से घटकर अप्रैल में 6% रह गई, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी करीब आधी होकर मात्र 3% तक सिमट गई. रूस का व्यापार आयात अप्रैल से दिसंबर 2021 में 6.58 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-दिसंबर 2022 में 32.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. यानी एक वित्तीय वर्ष में आयात में 399.73% की वृद्धि हुई है, जो कि एक रिकॉर्ड है.

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भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है. भारत ने बीते साल अप्रैल में रूसी तेल आयात को बढ़ाकर लगभग 2 लाख 77 हजार बैरल प्रति दिन कर दिया, जो मार्च में 66 हजार बैरल प्रति दिन था. बीते साल 8 ऐसे देश थे जिनसे भारत ने रूस की तुलना में अधिक तेल खरीदा था, लेकिन इस के अप्रैल तक यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो गया है. खपत के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है.

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अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां से रोजाना करीब 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल का निर्यात किया जाता है. निर्यात का 50% से ज्यादा हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है. रूसी हमले से पहले भारत अपने कुल इंपोर्ट का 1% रूस से खरीदता था, जो अब बढ़कर 17% हो गया है.

मार्च 2022 तक भारत जहां रूस, कजाकिस्तान और अजरबैजान से मात्र 3% तेल खरीद रहा था. सिर्फ एक महीने बाद यह हिस्सा बढ़कर 11% पर पहुंच गया. भारत ने रूस से मार्च 2022 में 3 लाख बैरल प्रतिदिन और अप्रैल में 7 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल खरीदा. 2021 में ये औसत महज 33 हजार बैरल प्रतिदिन का था.

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