ईरान को लेकर भारत की ट्रेवल एडवाइजरी जारी, नागरिकों को सलाह- जब तक एकदम जरूर न हो यात्रा न करें

ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने भारतीयों को यह भी सलाह दी है कि वो ईरान में बदलती परिस्थितियों पर नजर रखें और भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी किसी भी अपडेटेड सलाह का पालन करें.

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ईरान में भारतीय दूतावास ने बुधवार को एक यात्रा सलाह जारी की
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  • भारतीय दूतावास ने ईरान में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय नागरिकों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है.
  • ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को दूतावास ने बदलती परिस्थितियों पर नजर रखने और अधिकारियों द्वारा जारी सलाह का पालन करने को कहा है.
  • ईरान में रह रहे भारतीय नागरिक जो वापस भारत जाना चाहते हैं, उनके लिए कमर्शियल फ्लाइट और नौका विकल्प उपलब्ध हैं.
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ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने बुधवार, 15 जुलाई को एक यात्रा सलाह (ट्रेवल एडवाइजरी) जारी की है. इसमें भारतीय नागरिकों से आग्रह किया है कि जबतक एक दम जरूरी न हो, वे ईरान की यात्रा से बचें. भारतीय दूतावास की तरफ से यह सलाह पिछले कई हफ्तों से क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच आई है.

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "पिछले कई हफ्तों में सुरक्षा संबंधी घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ईरान की गैर-जरूरी यात्रा करने से पहले उभरती स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार करें.”

इसके अलावा दूतावास ने भारतीयों को यह भी सलाह दी है कि वो ईरान में बदलती परिस्थितियों पर नजर रखें और भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी किसी भी अपडेटेड सलाह का पालन करें. वर्तमान में जो भारतीय ईरान में रह रहे हैं और वापस भारत लौटना चाहते हैं, उनके लिए दूतावास ने कहा है कि विकल्प उपलब्ध हैं. पोस्ट में कहा गया है, "वे भारतीय नागरिक जो पहले से ही ईरान में हैं और वापस (भारत) जाना चाहते हैं, वे कमर्शियल फ्लाइट और नौका विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं जो अभी उपलब्ध हैं."

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भारतीय दूतावास की यह सलाह क्षेत्रीय शत्रुता में तेजी से वृद्धि के बाद है. 13 जून को इजरायल ने ईरान के खिलाफ 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' शुरू किया था, और पूरे मीडिल ईस्ट में ही ईरानी सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर बमबारी के बाद तनाव बढ़ गया था. जवाब में, ईरान ने इजरायली ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमलों से जवाबी कार्रवाई की. बाद में अमेरिका भी इजरायल के समर्थन में जंग में कूद पड़ा. अमेरिका ने 22 जून को फोर्डो, नतान्ज और इस्फहान में प्रमुख ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमलों के साथ जवाबी कार्रवाई की.

ईरानी सशस्त्र बलों ने जवाबी हमले शुरू किए, जिसमें इजरायल के कब्जे वाले क्षेत्रों और कतर में अमेरिकी सैन्य हवाई अड्डे पर प्रमुख पदों को निशाना बनाया गया. जंग 12 दिन चली और यह 24 जून को समाप्त हो गई जब इजरायल ने अपने हमले को एकतरफा रोकने की घोषणा की, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी.

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वाशिंगटन का कहना है कि ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम से परमाणु बम विकसित हो सकते हैं, जबकि तेहरान ने लगातार इस दावे का खंडन किया है और जोर देकर कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है. ट्रंप लगातार ईरान पर इस बात का दवाब बना रहे हैं कि वो अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील कर ले.
 

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