विश्व धरोहर समिति के अध्यक्ष विशाल वी. शर्मा ने कहा है कि भारत का हालिया अतीत ‘विकास भी, विरासत भी' के अनुरूप रहा है और इसने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को एक नया आयाम दिया है. यहां विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र से इतर पीटीआई की वीडियो सेवा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा कि चार वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भारत में समिति का सत्र आयोजित कराया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व धरोहर समिति की बैठक का आयोजन करने के लिए काफी प्रयास की जरूरत होती है. लेकिन यह भारत की संगठनात्मक क्षमताओं, बुनियादी ढांचे, वैश्विक नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रदर्शित करता है.''विश्व धरोहर समझौते पर 195 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं.
यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने ‘दीवार' फिल्म के मशहूर संवाद को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘मेरे पास संस्कृति है, संस्कृत है, संस्कार है....''
शर्मा ने उम्मीद जताई कि असम में अहोम राजवंश के सदस्यों को टीले पर दफनाने की प्रथा ‘मोइदम' को भी इस सूची में शामिल कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का हालिया अतीत आत्मविश्वास से भरा रहा है, ‘विकास भी, विरासत भी' केंद्र में रहा है, और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नया आयाम मिला है.''
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