विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की ओर देख रहा है, उसमें भारत के पास ‘‘15 प्रतिशत समाधान'' है. वह यहां सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स' को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के इस बयान का हवाला दिया कि ‘‘काफी निराशाजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य'' में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आधार सात प्रतिशत बढ़ रहा है और आने वाले दशक में भी बढ़ने की संभावना है.
जयशंकर ने कहा, ‘‘क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि इस साल दुनिया की 15 प्रतिशत वृद्धि भारत से होने वाली है, यानी हम उस समाधान का 15 प्रतिशत हैं जिसे जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में देख रहा है. लेकिन, यह सिर्फ विकास नहीं है, जी-20 वास्तव में यह भी देख रहा है कि हमने कोविड चुनौतियों को कैसे संभाला.''
भारत की जी-20 अध्यक्षता दिसंबर 2022 में शुरू हुई. विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 देशों ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी विशाल आबादी का प्रभावी ढंग से टीकाकरण करने में भारत की सफलता का संज्ञान लिया है.
जयशंकर ने कहा, ‘‘टीके लगाना बहुत आसान लगता है, लेकिन ऐसे देश हैं जिन्होंने इस टीकाकरण के लिए संघर्ष किया, जबकि दुनिया ने देखा कि भारत सभी योग्य व्यक्तियों को टीका लगाने में कामयाब रहा.'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘उनके लिए, यह हैरान करने वाली उपलब्धि है. यह जिस सहजता और एकजुटता के साथ किया गया, वह एक बड़ी उपलब्धि है.''
विदेश मंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 में कोविड-19 की शुरुआत के समय कई देशों के बीच ऐसी भावना थी कि भारत स्थिति को सही से नहीं संभाल पाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्वास्थ्य का अध्ययन करने वाले कुछ गंभीर लोगों के एक समूह ने निष्कर्ष निकाला कि भारत अपनी स्वास्थ्य प्रणाली, शासन और समाज व्यवस्था के कारण महामारी से सही से नहीं निपट पाएगा और तीन साल बाद, हमने उन्हें दिखाया कि वे गलत थे.''
जयशंकर ने कहा, ‘‘आज वही लोग इस बात पर अचंभित हैं कि भारत ने ‘‘समाज का प्रबंधन कैसे किया, उस दौर में देश ने लोगों को कैसे खिलाया, कैसे लोगों के बैंक खाते में पैसा डाला गया.''