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सबसे कम GPD ग्रोथ : 40 सालों के सबसे बड़े झटके के बाद SBI ने भी घटाया अपना अनुमान

GDP Growth Projection : अभी सोमवार को ही वित्‍तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर के नतीजे जारी किए थे, जो -7.3% के साथ पिछले 40 सालों में सबसे कम है, जिसके बाद एसबीआई इकॉनमिस्ट ने भी अपना ग्रोथ प्रोजेक्शन घटा दिया है. 

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GDP Growth Forecast : SBI Economist ने घटाया GDP वृद्धि दर का अनुमान.
मुंबई:

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (gross domestic production-GDP) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत (GDP growth forecast cut down to 7.9%) कर दिया है. पहले उन्होंने 10.4 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था. यह सभी विश्लेषकों में सबसे निचला वृद्धि दर का अनुमान है. अभी सोमवार को ही वित्‍तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर के नतीजे जारी किए थे, जो -7.3% के साथ पिछले 40 सालों में सबसे कम है, जिसके बाद एसबीआई इकॉनमिस्ट ने भी अपना ग्रोथ प्रोजेक्शन घटा दिया है. 

सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर वृद्धि दर के अनुमान में बड़ी कटौती की प्रमुख वजह है. एसबीआई इकनॉमिस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार महामारी का अर्थव्यवस्था पर अधिक व्यापक प्रभाव पड़ेगा. शहरी की तुलना में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अधिक जुझारूपन नहीं दिख रहा है. दबी मांग से चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान पर विशेष असर नहीं पड़ेगा.

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंसों के दाम बढ़ रहे हैं जिसका असर जीडीपी की वृद्धि दर पर पड़ेगा. ‘कुल उपभोग व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और सेवाओं के पुनरोद्धार पर निर्भर करेगा. मोटे अनुमान के अनुसार करीब 25 करोड़ परिवारों की आजीविका इन क्षेत्रों पर निर्भर है.' उन्होंने कहा कि 145.8 लाख करोड़ रुपये के साथ चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 2019-20 की तुलना में कुछ अधिक रहेगा.

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'W' आकार के सुधार का अनुमान

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार ‘डब्ल्यू' आकार में होगा. पहले अर्थव्यवस्था में ‘वी' आकार के सुधार का अनुमान लगाया जा रहा था. डब्ल्यू आकार के सुधार से तात्पर्य है कि अर्थव्यवस्था में तीव्र गिरावट के बाद सुधार और उसके बाद फिर अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट और तेज सुधार से है. हालांकि, कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत पर कायम रखा है.

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अन्य विश्लेषक भी चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटा रहे हैं. सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 के 0.5 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले बेहतर थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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