- भारत को पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित मोबाइल एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल इंद्रजाल रेंजर मिला है
- इंद्रजाल रेंजर 10 किलोमीटर दूर से दुश्मन ड्रोन को पहचानकर 4 किलोमीटर में खतरे को खत्म कर सकता है
- यह व्हीकल खुद ड्रोन की पहचान करता है और साइबर टेकओवर के जरिए दुश्मन ड्रोन को नियंत्रित कर सकता है
अब भारतीय बॉर्डर पहले से ज्यादा सेफ होंगे क्योंकि देश को अपना पहला AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाला मोबाइल एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल मिल गया है, जिसका नाम है 'इंद्रजाल रेंजर'. इस खास व्हीकल को हैदराबाद की एक डिफेंस कंपनी ने बनाया है. इसे चलता-फिरता सुरक्षा कवच भी कह सकते हैं, जो हमारी सीमाओं के साथ देश के अंदर सेंसिटिव एरिया की ड्रोन हमलों से रक्षा करेगा.
क्या है यह इंद्रजाल रेंजर?
यह एंटी-ड्रोन सिस्टम एक मजबूत टोयोटा Hilux 4x4 गाड़ी पर लगाया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सिस्टम एक जगह खड़े रहने के बजाय चलते हुए भी काम कर सकता है. यह रेंजर 10 किलोमीटर की दूरी से ही दुश्मन के ड्रोन को पहचान लेता है और उस पर नजर रखना शुरू कर देता है. वहीं, 4 किलोमीटर के दायरे में ही खतरे का पूरी तरह से खात्मा कर सकता है.
परफॉरमेंस
इंद्रजाल रेंजर की परफॉरमेंस की बात करें तो इसमें-
- 2.8 लीटर का डीजल इंजन दिया गया है
- 201hp की पावर और 500Nm का टॉर्क
- टॉप स्पीड 180kmph
- 0-100kmph की स्पीड 10 सेकेंड्स में
- 4x4 ऑल व्हील ड्राइव सेटअप
- ऑफ-रोड मोड्स (सैंड, मड, रॉक) मिलते हैं.
सेफ्टी फीचर्स
सेफ्टी फीचर्स के लिए इसमें-
- एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)
- इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक डिस्ट्रीब्यूशन (EBD)
- 6 एयरबैग्स
- 360-डिग्री कैमरा
- टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम हैं
क्यों जरूरी है यह व्हीकल?
आजकल तस्कर और दुश्मन देश सीमा पार करने के लिए छोटे-छोटे ड्रोन का इस्तेमाल करके हथियार, ड्रग्स और गोला-बारूद भेज रहे हैं. इंद्रजाल रेंजर इन सभी गतिविधियों पर नजर रखकर इन्हें बंद करा सकता है. रिपोर्ट्स हैं कि इसे खासकर पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं के लिए बनाया गया है, ताकि हवा के रास्ते होने वाली इन घुसपैठों को तुरंत रोका जा सके.
सुरक्षा एजेंसियों को मिलेगी बढ़ी ताकत
इंद्रजाल रेंजर हमारी सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी ताकत देगा, क्योंकि यह लगातार पैट्रोलिंग करते हुए आसमान में होने वाली हर गतिविधि पर तुरंत एक्शन ले सकता है.














