नई दिल्ली: भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अरब सागर के ऊपर एक विशाल हवाई युद्धाभ्यास किया. यह युद्धाभ्यास क्षेत्र से गुजरते रणनीतिक जलमार्गों पर कई वाणिज्यिक जहाजों को हुती आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने को लेकर बढ़ रही वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को आयोजित युद्धाभ्यास ‘डेजर्ट नाइट' में तीन देशों की वायु सेनाओं की कई अग्रिम पंक्ति के विमान और लड़ाकू विमान शामिल हुए.
उन्होंने बताया कि युद्धाभ्यास में भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और जगुआर लड़ाकू विमान के अलावा एडब्ल्यूएसीएस (हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण विमान), सी-130-जे परिवहन विमान और हवा में ही विमानों में ईंधन भरने वाले विमान शामिल हुए.
भारतीय वायुसेना ने बताया, ‘‘ ‘डेजर्ट नाइट' नाम से आयोजित युद्धाभ्यास के दौरान मुख्य रूप से तीनों वायु सेनाओं के बीच तालमेल और पारस्परिकता को मजबूत करने पर जोर था.''
यह युद्धाभ्यास भारतीय एफआईआर (उड़ान सूचना क्षेत्र) में हुआ और भारतीय वायुसेना के विमानों ने देश के कई ठिकानों से उड़ान भरी. दुनिया भर में सभी हवाई क्षेत्र को एफआईआर में विभाजित किया गया है और उनमें से प्रत्येक को एक नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित किया जाता है जो यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि इसके भीतर उड़ान भरने वाले विमानों को हवाई यातायात सेवाएं प्रदान की जाएं.
यह युद्धाभ्यास लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हुती आतंकवादियों के बढ़ते हमलों के बीच हुआ. भारतीय वायुसेना ने बताया, ‘‘23 जनवरी को, भारतीय वायु सेना ने फ्रांसीसी हवाई व अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वायु सेना के साथ ‘डेजर्ट नाइट' युद्धाभ्यास का आयोजन किया.''
बयान के मुताबिक, ‘‘ फ्रांस की ओर से राफेल लड़ाकू विमान और एक बहु भूमिका टैंकर परिवहन विमान शामिल हुए जबकि यूएई की वायु सेना की ओर से एफ -16 लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास में शामिल हुए.'' फ्रांस और यूएई वायुसेना के विमानों ने संयुक्त अरब अमीरात में अल धफरा हवाई अड्डे से उड़ान भरी.
भारतीय वायुसेना ने कहा, ‘‘ युद्धाभ्यास के दौरान हुए संवाद से प्रतिभागियों को परिचालन ज्ञान, अनुभव और सर्वोत्तम तरीकों के आदान-प्रदान का अवसर मिला.'' त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास भारत के गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले हुआ. भारत के गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में फ्रांस के दो राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए 330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान भी शामिल होंगे.
परेड में फ्रांस का 95 सदस्यीय मार्चिंग दस्ता और 33 सदस्यीय बैंड दस्ता भी हिस्सा लेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. इसके साथ ही वह इस प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले फ्रांस के छठे नेता बन जाएंगे.