एक विशेष एनआईए कोर्ट ने पटना में 2013 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में दोषी ठहराए गए नौ लोगों में से चार को सोमवार को मौत की सजा सुना दी है. बम विस्फोट पीएम मोदी की एक चुनावी रैली की जगह पर हुए थे और उसमें छह लोग मारे गए थे. पीएम मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. कोर्ट के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश को बाहरी दुश्मनों से नहीं, बल्कि छुपे हुए गद्दारों से खतरा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने केंद्रीय मंत्री के हवाले से लिखा है, भारत को देश के बाहर के दुश्मनों से कोई खतरा नहीं है. अगर भारत को कोई खतरा है, तो वह छिपे हुए गद्दारों से है. कोर्ट ने सजा (2013 में पटना ब्लास्ट में) दी है. मुझे यह देखकर दुख हो रहा है कि 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का कोई सदस्य इस पर नहीं बोल रहा है.'
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विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मेहरोत्रा ने 27 अक्टूबर को नौ आरोपियों को दोषी ठहराया था. उन्होंने दो अन्य दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, वहीं, दो दोषियों को 10 साल के सश्रम कारावास और एक अन्य दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई. एनआईए की ओर से दलीलें देने वाले विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिंह के मुताबिक हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम को मौत की सजा सुनायी गयी है.
बता दें, एनआईए ने 27 अक्टूबर, 2013 को हुए विस्फोटों के सिलसिले में कुल 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. किसी आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन संदेह था कि इस घटना के पीछे प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है.
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