वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मामले अदालत में विचाराधीन होने के बीच उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने सोमवार को कहा कि भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव की वजह से ही भारत 'विश्वगुरु' बना और ये भगवान 'भारत की पहचान' हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई 'सरकार, संगठन या कोई समुदाय' इन देवताओं से जुड़े स्थानों को सुशोभित करना चाहता है, तो किसी को भी 'आपत्ति' नहीं होनी चाहिए.
उप्र के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा,'अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है, मथुरा भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है और काशी दुनिया का सबसे पुराना शहर है, जिसे भगवान शिव द्वारा बसाया गया था. इन देवताओं के कारण भारत की एक पहचान है और उनकी वजह से भारत एक 'विश्व गुरु' बन गया.'
चौधरी ने कहा कि आज दुनिया गीता पढ़ रही है (भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को सिखाया गया पाठ). उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को भगवान राम का संदेश मिल रहा है कि एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श पति, एक आदर्श भाई और एक आदर्श मित्र कैसा होना चाहिए.
चौधरी ने कहा कि भगवान शिव, भगवान राम और भगवान कृष्ण की सांस्कृतिक विरासत के कारण हमारा देश एक वैश्विक शक्ति है. उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकार, संगठन या कोई समुदाय इन देवताओं से जुड़े स्थानों को सुशोभित करना चाहता है, तो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
उप्र के कैबिनेट मंत्री ने यह भी कहा कि स्वाभाविक रूप से भारतीय संस्कृति को सुरक्षित करने का अवसर आया है, जिसे 800-850 वर्षों पहले नष्ट कर दिया गया था.
चौधरी ने वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाही ईदगाह मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों मामले अदालत में विचाराधीन हैं.
चौधरी ने कहा कि बाकी जगहों के लिए सर्वेक्षण किया जा सकता है, लेकिन जहां तक मथुरा का सवाल है, तो किसी सर्वेक्षण की कोई गुंजाइश नहीं है.
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