भारत ने बांग्लादेश के डिप्टी हाईकमिश्नर को किया तलब, यूनुस सरकार ने बॉर्डर पर फेंसिंग को बताया था अवैध

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर का बॉर्डर है. इसमें से 3271 किलोमीटर एरिया में भारत ने फेंसिंग कर दी है. 885 किलोमीटर बॉर्डर पर अभी फेंसिंग का काम चल रहा है. बांग्लादेश ने फेंसिंग को अवैध करार दिया है.

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नई दिल्ली:

भारत और बांग्लादेश की सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत ने सोमवार को बांग्लादेश के डिप्टी हाईकमिश्नर नूरल इस्लाम को तलब किया है. रविवार को बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने भारतीय हाईकमिश्नर प्रणय वर्मा को बुलाकर बॉर्डर पर BSF की तरफ से की जा रही फेंसिंग (बाड़) पर आपत्ति जाहिर की थी. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बॉर्डर पर फेंसिंग को अवैध कोशिश बताया था. हालांकि, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है. 

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर का बॉर्डर है. इसमें से 3271 किलोमीटर एरिया में भारत ने फेंसिंग कर दी है. 885 किलोमीटर बॉर्डर पर अभी फेंसिंग का काम चल रहा है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2010 से लेकर 2023 तक 160 जगहों पर फेंसिंग का काम किया था. 10 जनवरी से BSF ने फिर से यह काम शुरू किया. इनमें से 5 जगहों चपैनवाबगंज, लालमोनिरहाट में तीन बीघा कॉरिडोर, नौगांव में पटनीताला, फेनी, कुश्तिया और कुमिला में फेंसिंग को लेकर विवाद है.

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बांग्लादेश का क्या है आरोप?
बांग्लादेश का आरोप है कि भारत ने सीमा पर हुए पुराने समझौतों का उल्लंघन किया है. जहांगीर आलम ने दावा किया है कि 1975 के एक समझौते के मुताबिक, जीरो लाइन से 150 गज के अंदर कोई भी निर्माण कार्य बिना दोनों देशों की सहमति के नहीं हो सकता.

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PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, जहांगीर आलम ने कहा, "1974 में एक और समझौता हुआ था, जिसमें बांग्लादेश ने बेरूबाड़ी भारत को सौंपा. बदले में भारत को तीन बीघा कॉरिडोर तक बांग्लादेश को पहुंच देनी थी. लेकिन, भारत ने इस कॉरिडोर को कभी पूरी तरह से नहीं खोला. वो इसे सिर्फ एक-एक घंटे के लिए खोलते थे."

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रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि 2010 में दोनों देशों ने फिर से समझौता किया. इसमें तय हुआ कि तीन बीघा कॉरिडोर 24 घंटे खुला रहेगा. इसी समझौते ने भारत को बॉर्डर पर फेंसिंग करने की इजाजत भी दे दी. अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसपर आपत्ति जता रही है. 

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भारतीय हाईकमिश्नर ने क्या कहा?
बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक, रविवार दोपहर करीब 3 बजे भारतीय हाईकमिश्नर प्रणय वर्मा को वहां के विदेश मंत्रालय की बिल्डिंग में जाते देखा गया. सरकारी बांग्लादेश संगबाद संगठन (BSS) न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बांग्लादेशी विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ भारतीय हाईकमिश्नर की मीटिंग करीब 45 मिनट तक चली. मीटिंग के बाद प्रणय वर्मा ने PTI को बताया, "ढाका और नई दिल्ली के बीच सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में सहमति है. हमारे दो सीमा रक्षक प्रवर्तन BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और BGB (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) ने इस मामले में बात की है. हम उम्मीद करते हैं कि इस समझ को लागू किया जाएगा. साथ ही बॉर्डर पर अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण पेश किया जाएगा."

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इससे पहले दिन में बांग्लादेश में गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, "सभी विवादित बिंदुओं पर काम रोक दिया गया है. हम आगे की गतिविधियों की अनुमति नहीं देंगे."

यूनुस सरकार ने की हसीना को डिपोर्ट करने की अपील
पिछले महीने, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम बांग्लादेश सरकार ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मुकदमे का सामना करने के लिए ढाका डिपोर्ट करने यानी वापस भेजने की अपील की थी. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस अपील के जवाब में कहा, "हम पुष्टि करते हैं कि हमें प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में बांग्लादेश हाईकमीशन से एक वर्बल नोट मिला है. इस समय हमारे पास इस मामले पर देने के लिए कोई टिप्पणी नहीं है."

भारत ने बढ़ाया शेख हसीना का वीजा
दरअसल, बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने बीते मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 97 लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया था. शेख हसीना समेत कुल 75 लोगों के पासपोर्ट जुलाई में हुई हत्याओं में शामिल होने के कारण रद्द किए गए. बाकियों के पासपोर्ट जबरन गायब किए लोगों के हैं. इस फैसले के बाद ही भारत सरकार ने हसीना का वीजा बढ़ा दिया.

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