भारत और नेपाल की सेना के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बटालियन लेवल पर हुए सैन्य अभ्यास को साथ मिलकर देखा. यह अभ्यास सूर्यकिरण 19 का हिस्सा था, जो पिथौरागढ़ स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में गहन संयुक्त प्रशिक्षण चक्र के समापन का प्रतीक है. सूर्य किरण अभ्यास भारत और नेपाल के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करते हैं. यह एक सालाना ट्रेनिंग कार्यक्रम है जो दोनों देश में बारी बारी आयोजित किया जाता है.
इस वेलिडेशन अभ्यास ने संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए संयुक्त रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं का सफल प्रदर्शन किया, जो यूएन चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत निर्धारित हैं. अभ्यास में कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग शामिल किया गया. अभ्यास के दौरान सर्च एंड रेस्क्यु, रात में हथियारों का बेहतर इस्तेमाल ,ड्रोन से सटीक हमला करना , ऑपेरशन में एआई और यूएवी का इस्तेमाल करना शामिल हैं. इसका भी अभ्यास किया गया है की पहाड़ी और जंगली इलाके में कैसे ऑपरेशन को अंजाम दिया जाए.
अभ्यास में दोनों सेनाओं की बेहतरीन इंटर आपरेबिलिटी, समन्वित मिशन योजना तथा बटालियन, कंपनी और छोटी टीमों के स्तर पर संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभियानों के सटीक क्रियान्वयन को प्रदर्शित किया गया. सैनिकों ने जटिल क्षेत्रों में खुफिया-आधारित सर्जिकल ऑपरेशनों का अभ्यास किया, जिसमें ऑपेरशन के दौरान तेजी से मजबूती के साथ सेना का इस्तेमाल करना शामिल हैं. रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में साझा सुरक्षा और मानवीय तैयारी के महत्व को देखते हुए दोनो देशों के डीजीएमओ ने इस अभ्यास की सराहना की. उनका कहना है कि यह अभ्यास दोनो देशों की सेनाओं के बीच ऑपरेशनल तालमेल को मजबूत करता है. पारस्परिक विश्वास को गहरा करता है और दोनों सेनाओं के लंबे समय से चले आ रहे सैन्य भाईचारे को और सुदृढ़ बनाता है.
इस स्थायी साझेदारी के प्रतीक के रूप में, दोनों डीजीएमओ ने ‘मित्रता वृक्ष' का संयुक्त रूप से रोपण किया, जिससे भारत और नेपाल के बीच अटूट संबंधों और रणनीतिक सहयोग पर फिर से मुहर लगी है. भारत और नेपाल के सेना के बीच के रिश्ते शुरू से ही काफी मजबूत रहे हैं. भारतीय सेना नेपाल को समय-समय पर आपदा और मानवीय सहायता भी मुहैय्या कराती रही है. बात चाहे 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप की हो या फिर कोविद महामारी के दौरान भारतीय सेना ने बढ़ चढ़कर नेपाल की मदद की है. आपको बता दें कि अभ्यास सूर्यकिरण–19 क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए एकता, तैयारी और साझेदारी का सशक्त प्रदर्शन है।














