प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री ज्यॉर्जिया मेलोनी के साथ व्यापक वार्ता के बाद बृहस्पतिवार को घोषणा की कि भारत और इटली ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक ले जाने का फैसला किया है. पिछले साल प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपनी पहली दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंची मेलोनी ने यह भी घोषणा की है कि इटली हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल हो रहा है क्योंकि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
इटली की प्रधानमंत्री के साथ व्यापक बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. मोदी ने इतालवी रक्षा कंपनियों को ‘‘मेक इन इंडिया'' पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया. उन्होंने कहा, ‘‘इस साल भारत और इटली द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हमने भारत-इटली साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने का फैसला किया है.''
मोदी ने कहा कि भारत और इटली ने नियमित आधार पर दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला किया है.दोनों पक्षों ने अनियमित आव्रजन और मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिए काम करने पर भी सहमति व्यक्त की.
मोदी ने कहा कि भारत और इटली आतंकवाद और अलगाववाद जैसे मुद्दों पर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘‘हमने इस सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की.'' मोदी और मेलोनी ने भारत और इटली के बीच ‘स्टार्ट-अप ब्रिज' स्थापित करने की भी घोषणा की.
मोदी ने कहा, ‘‘हमने अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सूचना और प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया.'' उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इटली की सक्रिय भागीदारी का भी स्वागत किया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत खुशी की बात है कि इटली ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने का फैसला किया है. इससे हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए ठोस विषयों की पहचान कर सकेंगे.''
इससे पहले, मेलोनी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया गया, क्योंकि वह राजकीय यात्रा पर यहां पहुंची थीं.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए और द्विपक्षीय आदान-प्रदान का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने रिमोट सेंसिंग, उपग्रह संचार, चंद्र अन्वेषण, गुरुत्वाकर्षण तरंग का पता लगाने और इसरो और एएसआई इटली के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यावहारिक अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में संभावित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की व्यापक क्षमता का जायजा लिया.
उन्होंने कहा, ‘‘विरासत के मुद्दों के पीछे, उद्योगों के लिए अब विशेष रूप से विनिर्माण, सह-उत्पादन, सह-डिजाइन और सह-नवाचार के क्षेत्र में अधिक दृढ़ता से सहयोग करने के लिए दरवाजे खुले हैं.''
वर्ष 2012 में दक्षिण भारतीय तट के पास निहत्थे मछुआरों की कथित तौर पर हत्या के लिए दो इतालवी नौसैनिकों को जेल भेजने के नई दिल्ली के कदम और वीवीआईपी के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने के विवादास्पद सौदे के बाद इटली और भारत के बीच संबंधों में खटास आ गई थी.
क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष, साइबर और समुद्र में सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया और संबंधों को मजबूत करने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने पर काम करने पर सहमति व्यक्त की.
भारत और इटली ने प्रवासन और गतिशीलता पर एक आशय पत्र पर भी हस्ताक्षर किए, एक स्टार्ट-अप ब्रिज की स्थापना की घोषणा की और रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता और इतालवी महावाणिज्य दूतावास के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने कहा कि भारत और इटली आतंकवाद और अलगाववाद जैसे मुद्दों पर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘हमने इस सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया.''
मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेलोनी का स्वागत किया, जहां उन्हें तीनों सेनाओं की ओर से ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. मेलोनी ने बाद में राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इससे पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने हवाई अड्डे पर इतालवी प्रधानमंत्री की अगवानी की. इटली की प्रधानमंत्री के साथ उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी तथा एक उच्चस्तरीय कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है.