इंडिया गठबंधन की कल यानि 6 दिसंबर की प्रस्तावित बैठक टल गई है. सूत्रों की मानें तो शायद इसकी वजह कई नेताओं का बैठक में ना आना माना जा रहा है. ममता बनर्जी, सीएम नीतीश कुमार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की कल होने वाली बैठक में आने से इनकार कर दिया था. कहा जा रहा था कि ये नेता अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेज सकते हैं, लेकिन अब ये बैठक ही टल गई है.
कांग्रेस सूत्र ने बताया, "विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के कुछ घटक दलों के प्रमुख नेताओं की अनुपलब्धता के चलते बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित की गई, लेकिन गठबंधन की ‘अनौपचारिक समन्वय बैठक' होगी जिसमें पार्टियों के संसदीय दल के नेता शामिल होंगे."
सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार और अखिलेश यादव कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने वाले दूसरे और तीसरे हाई-प्रोफाइल नेता बन गए हैं. सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं होंगी. कांग्रेस के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों के ‘इंडिया' गठबंधन के नेता 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए छह दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक करने वाले थे.
सूत्रों का कहना है, "तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक के नेता एमके स्टालिन चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सकते थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार में वैवाहिक कार्यक्रम है. ऐसे में आगे की तिथि के लिए बैठक को स्थगित किया गया है."
यह बैठक ऐसे समय होने वाली थी जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत दर्ज की है. अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों ने ‘इंडिया' गठबंधन बनाया है.
‘इंडिया' गठबंधन की अब तक तीन बैठक पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी हैं. गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की पिछले दिनों मुंबई में हुई बैठक में गठबंधन के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया था. समन्वय समिति विपक्षी गठबंधन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में कार्य करेगी.
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