चीन के साथ तनाव के बीच वायुसेना की कमांडर कॉन्फ्रेंस, दुश्मन को दबाव में लाने की रणनीतियों पर होगी चर्चा

आज से वायुसेना की कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से शुरू हो रही है. तीन दिवसीय कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख समेत वायुसेना के सभी कमान के प्रमुख सहित कई टॉप अधिकारी शामिल होंगे. सम्मेलन में वायुसेना की सामरिक रणनीति के साथ साथ उन नीतियों पर चर्चा होगी जिससे वायुसेना दुश्मन पर भारी पड़ सके. 

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वायुसेना की कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से शुरू, रणनीतियों पर भी होगी चर्चा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में करीब 11 महीने से चीन के साथ जारी तनातनी के बीच वायुसेना की कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से शुरू हो रही है. तीन दिन तक चलने वाले इस कांफ्रेंस का उदघाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं. इस सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख समेत वायुसेना के सभी कमान के प्रमुख सहित कई टॉप अधिकारी शामिल होंगे.

जानकारी है कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वायुसेना की सामरिक रणनीति के साथ-साथ उन नीतियों पर चर्चा होगी जिससे वायुसेना दुश्मन पर भारी पड़ सके. 

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पिछले साल भी जब चीन के साथ  लाइन ऑफ कंट्रोल पर हालात बिगड़े थे तो वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमान सीमा पर तैनात किए थे. ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर की मदद से वायुसेना ने थल सेना के जवानों को बहुत तेजी से बॉर्डर पर पहुंचाया था. यही नही रफाल, मिग-29 और तेजस के सरहद पर लगातार उड़ान भरने से चीन काफी हद तक दबाव में आया. 

अब चीन के साथ 11ंवे दौर की कोर कमांडर लेवल पर बातचीत खत्म हो चुकी है लेकिन अब चीन की सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और देपसांग जैसे इलाको से पीछे हटने में आनाकानी कर रही है, ऐसे में फिर से चीन से लगी सीमा पर हालात कब खराब हो जाए यह कहा नही जा सकता.

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