"भारत के लोगों का अपमान" : लाल किले पर राहुल गांधी की सीट को लेकर कांग्रेस का BJP पर निशाना

प्रोटोकॉल के हिसाब से दोनों सदनों में विपक्ष के नेता की सीट पहली पंक्ति में होनी चाहिए .लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को पांचवीं पंक्ति में सीट दी गई थी. हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर सफाई दी है.

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नई दिल्ली:

लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मुख्य समारोह में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सीट को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है. पार्टी का आरोप है कि राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बिठाया गया जो विपक्ष के नेता के प्रोटोकॉल के खिलाफ़ है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ऐसा ओलंपिक खिलाड़ियों को जगह देने के लिए किया गया जिसके चलते कुछ केंद्रीय मंत्रियों को भी पीछे की पंक्ति में बिठाया गया. 

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ बैठे थे राहुल गांधी
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की आयी तस्वीरों में देख सकते हैं कि राहुल गांधी नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के बगल में बैठे हैं. और उनसे बातें करते दिखाई दे रहे हैं. समारोह के मुख्य मंच की बाईं तरफ़ बैठे राहुल गांधी के आगे ओलंपिक में पदक जीतने वाले कुछ खिलाड़ी भी देखे जा सकते हैं. इसमें राहुल गांधी आगे से पांचवीं पंक्ति में बैठे देखे जा सकते हैं.  अब कांग्रेस ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी का कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्ज़ा हासिल होता है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने X पर लिखा. 

प्रोटोकॉल क्या है? 
प्रोटोकॉल के हिसाब से दोनों सदनों में विपक्ष के नेता की सीट पहली पंक्ति में होनी चाहिए .लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को पांचवीं पंक्ति में सीट दी गई . ये केवल राहुल जी या विपक्ष के नेता का अपमान नहीं बल्कि भारत के लोगों का अपमान है. मल्लिकार्जुन खरगे तो समारोह में शरीक नहीं हुए लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अब इसे मुद्दा बना लिया है. पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार राहुल गांधी से घबराती है क्योंकि वो सरकार पर सीधा हमला करते हैं. 

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लाल किले के कार्यक्रम को रक्षा मंत्रालय करता निगरानी
लाल क़िले पर होने वाले इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन  रक्षा मंत्रालय की निगरानी में होता है. विवाद उठने के बाद मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी कि ऐसे समारोहों में गणमान्य व्यक्तियों के बैठने के लिए प्रोटोकॉल का अनुसरण किया जाता है. इस साल ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मान देने का फ़ैसला किया गया था.कुछ केंद्रीय मंत्रियों को भी पदक विजेताओं के पीछे बिठाया गया था. 

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हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि के सी वेणुगोपाल ने X पर पूछा कि ओलंपिक खिलाड़ियों को सम्मान मिलना चाहिए लेकिन फिर अमित शाह और निर्मला सीतारमन जैसे केंद्रीय मंत्रियों को खिलाड़ियों के आगे सीट क्यों दी गई. साल 2013 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब लाल क़िले पर स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में लोकसभा में विपक्ष का नेता शरीक हुए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 2014 और 2019 चुनावों के बाद कांग्रेस को इतनी सीटें नहीं मिल सकी थीं कि पार्टी के किसी नेता को लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा मिल सके.  

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