स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति में परिवारवाद व जातिवाद को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आवाहन करते हुए कहा कि राजनीति में ऐसे नए लोगों को अवसर मिलना चाहिए जिनके परिवारों का पहले से कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों को परिवारवाद से बचाने के लिए एक लाख ऐसे युवाओं को आगे लाने की बात की. उन्होंने कहा कि ये एक लाख युवा ऐसे परिवारों से आएं जिनका राजनीति से कोई संबंध न रहा हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे एक लाख लोग, फ्रेश ब्लड चाहे ग्राम पंचायत में आएं, नगर पालिका में आएं, जिला परिषदों में आएं, चाहे विधानसभाओं में आएं या लोकसभा में आएं. इससे पहले उनके परिवार का कोई राजनीतिक इतिहास न हो, ऐसे फ्रेश लोग राजनीति में आएं.
लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, मैं एक चिंता हमेशा कहता हूं परिवारवाद, जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान कर रहा है. देश की राजनीति को हमें परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति दिलानी होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मिशन यह भी है कि हम जल्द से जल्द राजनीतिक जीवन में जनप्रतिनिधि के रूप में एक लाख ऐसे नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं, ऐसे नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं जिनके परिवार में किसी का भी कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो, जिनके माता-पिता, भाई-बहन, चाचा ताऊ आदि कोई भी राजनीति में न रहे हों. किसी भी पीढ़ी में कोई राजनीति में न रहा हो.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि ऐसे युवा किसी एक ही दल में आएं, उनको जो दल पसंद हो, उसमें आएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसा होने से परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी, जातिवाद से मुक्ति मिलेगी. लोकतंत्र को समृद्धि मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तय करके चले कि आने वाले दिनों में एक लाख ऐसे नौजवान जिनके परिवार का राजनीति में दूर-दूर का संबंध न हो, उनको राजनीति में लेंगे. इससे नई सोच आएगी, नई शक्ति आएगी और लोकतंत्र मजबूत होगा.
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