उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) से ठीक पहले इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय (Rajeev Rai) के मऊ स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है. इनकम टैक्स की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. राजीव राय के आवास पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का विरोध किया. इससे पहले राजीव राय के आवास पर शनिवार को भारी संख्या में पुलिस बल के साथ आयकर विभाग के अधिकारी पहुंचे थे और यह छापेमारी देर रात तक जारी रही.
समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथियों को ठिकानों पर छापेमारी की गई है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मैनपुरी में आरसीएल ग्रुप के मालिक मनोज यादव के घर पर भी छापेमारी की गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिलेश यादव के कई और राजनातिक करीबियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने राजीव राय के हवाले से लिखा है, 'यह आयकर विभाग है. मेरी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और ना ही मेरे पास कोई काला धन है. मैं लोगों की मदद करता हूं और सरकार को यह पसंद नहीं आया. यह उसी का नतीजा है. आप कुछ भी करेंगे तो वो वीडियो बनाएंगे, एफआईआर करेंगे, बेवजह केस करेंगे. कोई फायदा नहीं है, प्रक्रिया पूरी करने दीजिए.'
राजीव राय को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी समझा जाता है और उन्हें 2012 में प्रदेश में सपा सरकार बनाने का मुख्य शिल्पकार समझा जाता है. राय कर्नाटक में कई शिक्षण संस्थान भी चलाते हैं. वह RVK ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशंस के चेयरमैन हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार थे.