आयकर विभाग (Income tax Department) ने बेंगलुरु और हैदराबाद स्थित दो रियल एस्टेट कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 22 करोड़ रुपये की नकदी एवं आभूषण जब्त किया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि आयकर विभाग की टीम ने इन दोनों रियल एस्टेट कंपनियों के 40 परिसरों पर छापे मारे थे. हालांकि सीबीडीटी ने छापेमारी की तारीख का खुलासा नहीं किया है.
आयकर विभाग की टीम को बेंगलुरु स्थित डेवलपर के परिसरों से मिले दस्तावेजों से पता चला है कि जमीन मालिकों ने डेवलपर के साथ संयुक्त विकास समझौता किया हुआ था. उस जमीन के एवज में उन्हें डेवलपर से सुपर बिल्ट-अप एरिया मिला हुआ था, लेकिन जमीन मालिक इस लेनदेन से हुए पूंजीगत लाभ की घोषणा कर पाने में नाकाम रहे.
आयकर विभाग के लिए नीतिगत रुख तय करने वाले सीबीडीटी ने कहा कि इस अघोषित पूंजीगत लाभ का आकार 400 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. इसके अलावा तैयार इकाइयों की बिक्री से होने वाली आय में भी 90 करोड़ रुपये कम दिखाई गई है.
सीबीडीटी ने कहा कि दोनों ही रियल एस्टेट समूह निर्माण की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर 28 करोड़ रुपये की कर चोरी में संलिप्त रहे हैं. इसके लिए उन्होंने निर्माण सामग्रियों की फर्जी रसीदें तैयार करने के अलावा दामों को भी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है.
आयकर विभाग के अब तक के तलाशी अभियान में 3.50 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 18.50 करोड़ रुपये मूल्य के सोने-चांदी एवं आभूषण जब्त किए गए हैं.
विभाग के मुताबिक दोनों कंपनियों के कई अन्य अनियमितताओं में संलिप्त होने के भी साक्ष्य मिले हैं.
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