आयकर विभाग ने शनिवार को बताया कि दैनिक भास्कर ग्रुप पर छापेमारी के दौरान 700 करोड़ रुपए की आय पर टैक्स चोरी, शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन और सूचीबद्ध कंपनियों से लाभ की हेराफेरी के सबूत मिले हैं. आय पर टैक्स चोरी का आंकड़ा बढ़ भी सकता है, क्योंकि अभी जांच जारी है. आयकर विभाग ने हालही में दैनिक भास्कर ग्रुप के दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है, 'छापेमारी के दौरान यह पता चला है कि वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां चला रहे थे. जिनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों की बुकिंग और धन को इधर से उधर करने के लिए हो रहा था. कई कर्मचारी जिन्हें शेयरधारक और डायरेक्टर बनाया गया था, उन्होंने छापेमारी के दौरान कबूल किया कि उनके नाम से चलाई जा रही कंपनियों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. साथ ही बताया कि उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर कंपनी को भरोसे में दिए थे. कुछ रिश्तेदार पाए गए, जिन्होंने स्वेच्छा से और जानबूझकर कागजात पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उन्हें जिन कंपनियों का डायरेक्टर या शेयरधारक बनाया गया था उनकी व्यवसायिक गतिविधियों की कोई जानकारी या नियंत्रण नहीं था.'
रवीश का ब्लॉग : सच छापा तो पड़ गया छापा
साथ ही बताया कि, 'इन कंपनियों का इस्तेमाल फर्जी खर्च बुकिंग, सूचीबद्ध कंपनियों से मुनाफे में हेराफेरी जैसे कई मकसद के लिए किया गया.'
"लोकतंत्र का गला घोंटने की एक और नृशंस कोशिश" : दैनिक भास्कर समूह पर IT रेड को लेकर विपक्ष का वार
आयकर विभाग ने यह भी कहा कि छापेमारी के दौरान उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन भी पाया है. बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के आवेदन की भी जांच की जाएगी.
रवीश कुमार का प्राइम टाइम : सच छापा तो पड़ गया छापा