टिहरी डैम पर बने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के वाटर स्पोर्टस एंड एडवेंचर इंस्टिट्यूट (WSAI) का उद्घाटन आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) और युवा मामले एवं खेल, आयुष और राज्यमंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने किया. इस मौके पर ITBP के डीजी एस. एस. देसवाल और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी और सैकड़ों स्थानीय निवासी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने इस मौके पर देश सेवा में आईटीबीपी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आईटीबीपी के सहासिक खेलों में गौरवशाली इतिहास और लंबे अनुभव को देखते हुए राज्य सरकार व उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने टिहरी डैम के इस संस्थान के प्रबंधन और इसको एक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए आईटीबीपी के साथ समझौता किया है.
रावत ने डीजी आईटीबीपी और उनकी टीम को संस्थान के संचालन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि आईटीबीपी के हिमवीरों ने हरेक मौके पर प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित जनता की समर्पित भाव से सेवा की है और आईटीबीपी उसी भाव से इस संस्थान में सच्ची निष्ठा व भावना से देश के युवाओं को वाटर स्पोर्टस में प्रशिक्षित करेगी. उन्होंने कहा कि संस्थान के खुलने से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ प्रदेश की जनता के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) किरेन रिजिजू ने साहसिक खेलों में आईटीबीपी की उपलब्धियां गिनाते हुए इस संस्थान के सफल संचलन हेतु कामना की और राज्य सरकार की पहल को भी सराहा. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी खेल मंत्रालय साहसिक खेलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. इस अवसर पर आईटीबीपी के डीजी ने टिहरी डैम के वाटर स्पोर्टस व एडवेंचर संस्थान की जिम्मेवारी अगले 20 सालों तक आईटीबीपी को सौंपने के लिए उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड को धन्यवाद प्रकट किया.
महानिदेशक ने कहा कि आईटीबीपी का पर्वतारोहण एवं स्की संस्थान, औली स्वतंत्र रूप से इस संस्थान का संचालन करेगा और इस संस्थान में वायु, जल व थल से संबंधित स्पोर्टस और एडवेंचर स्पोर्टस का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसमें कयाकिंग, रोइंग, कैनोइंग, वाटर स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, स्क्यूबा डाइविंग, पैडल बोटिंग, स्पीड बोटिंग, काइट सर्फिंग, जेट स्कीइंग आदि के अलावा वाटर रेस्क्यू और लाइफ सेविंग कोर्स का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. संस्थान में हर साल कम से कम 200 स्थानीय युवाओं को वाटर स्पोर्टस में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में आईटीबीपी की तीन टीमें- कयाकिंग, कैनोइंग व रोइंग की तैनाती की जा चुकी है, जिसमें लगभग 59 खिलाडी मौजूद हैं. साथ ही, यहां आईटीबीपी का अन्य प्रशासिक व सपोर्टिंग स्टाफ भी होगा. इस प्रकार लगभग 100 हिमवीरों का दल संस्थान में हमेशा रहेगा. हाल ही में यहां पर 20 स्थानीय लोगों ने अपना प्रशिक्षण पूर्ण किया है, जबकि अन्य 22 लोगों के लिए कोर्स आरंभ हो चुका है.