रविवार को तेलंगाना के सत्तुपालेम मंडल में चंद्रपालेम गांव के पास कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस टीम साथ एक सर्किल इंस्पेक्टर पर खम्मम आरक्षित वन क्षेत्र में भीड़ ने हमला कर दिया. स्थानीय ग्रामीणों का जमीन के एक हिस्से को लेकर दूसरे समूह से तनाव हो गया था. दोनों समूहों के बीच झड़प की सूचना पर 10-15 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ वन अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची.
सर्किल अधिकारी को क्यों निशाना बनाया गया? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. एक वीडियो में दिखाया गया है कि उनमें से एक समूह ने हाल ही में नियुक्त पुलिसकर्मी (जो कि नागरिक कपड़े पहने हुए थे) को उसकी बाइक से नीचे खींच लिया और उसे मुक्कों से पीटा. वहीं दूसरा पुलिसकर्मी उन्हें खींचने की कोशिश कर रहा था.
क्लिप में आगे दिखाया गया है कि आदिवासी सर्किल अधिकारी के पीछे जा रहे हैं, जबकि वर्दीधारी पुलिसकर्मी सर्किल इंस्पेक्टर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे जांच कर रहे हैं कि केवल सर्किल इंस्पेक्टर को ही क्यों निशाना बनाया गया और क्या यह कोई साजिश थी?
नवंबर 2022 में, एक वन अधिकारी चालमाला श्रीनिवास राव पर आदिवासियों द्वारा लाठी और चाकू से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई. तत्कालीन मुख्यमंत्री केसीआर ने पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी.
वन रेंज अधिकारी चालमाला श्रीनिवास राव की हत्या में शामिल दो लोगों को अगस्त 2023 में प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश पाटिल वसंत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
यह घटना 22 नवंबर, 2022 को चंद्रुगोंडा मंडल के एर्राबोलू गुथिकोंडा गांव के बाहरी इलाके में हुई थी.
अदालत ने गोटी कोया समुदाय से आने वाले आरोपियों मदकम तुला और पोडियम नंगा को धारा 302 (हत्या), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत दोषी पाया. अदालत ने अपराधियों पर ₹ 1,000 का जुर्माना लगाया.