बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने देश की मौजूदा स्थिति पर देश के नागरिकों के नाम एक खुला पत्र लिखा. इस पत्र में नड्डा ने विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. नड्डा का पत्र देश के मौजूदा सांप्रदायिक तनाव पर 13 राजनीतिक दलों के पत्र के जवाब में लिखा गया. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ये दल वोट बैंक की राजनीति करते हैं. राजस्थान के करौली में हुई हिंसा पर चुप्पी साध लेते हैं.
बीजेपी के दिग्गज नेता ने पत्र में लिखा कि चार राज्यों के परिणाम वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलों की आंखे खोलने के लिए काफी है, देश का युवा अवसर चाहता है, विकास चाहता है विभाजन नहीं. साल 1966 में इंदिरा गांधी सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध की मांग को लेकर संसद भवन की ओर कूच कर रहे साधुओं पर गोलियां चलवाईं. 84 में राजीव गांधी ने कहा कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धऱती हिलती है.
पत्र में लिखा गया कि गुजरात, मुरादाबाद, भिवंडी, मेरठ के दंगे, कश्मीर घाटी में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, भागलपुर दंगे इस तरह कांग्रेस के शासनकाल में दंगों की एक लंबी सूची है. दलितों और आदिवासियों पर कांग्रेस शासन में अत्याचार हुए, कांग्रेस ने संसद के चुनाव में बाबा साहब अंबेडकर को हरवाया. बंगाल और केरल की हिंसा और वहां बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार गवाह है कि ये राजनीतिक दल लोकतंत्र को किस तरह देखती हैं.
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जेपी नड्डा ने पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र में दो कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार, हफ्तावसूली और असामाजिक तत्वों से रिश्ते रखने के आरोप में गिरफ्तार हुए. क्या यह चिंता की बात नहीं. पिछले आठ साल में देश की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है. पीएम मोदी की अगुवाई में देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर आगे बढ़ रहा है. मेरी विपक्षी दलों से अपील है कि वे विकास की राजनीति को बढ़ावा दे.
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