कोविड-19 के नये डेल्टा प्लस (Delta Plus) को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच ओड़िशा (Odisha) में इसके पहले मरीज ने रविवार को कहा कि उसे इस वायरस को पराजित करने में तीन हफ्ते से थोड़ा अधिक वक्त लगा. देवगढ़ जिले के बारकोटे प्रखंड के 60 वर्षीय व्यक्ति ने यह भी कहा कि उन्होंने डॉक्टरों द्वारा दी गयी सलाह का कड़ाई से पालन किया एवं वह घर में पृथक-वास में चले गये और उन्हें इन चीजों से शीघ्र उबरने में मदद मिली. उन्होंने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘23 मई को मुझे बदन दर्द एवं फ्लू जैसे लक्षण महसूस हुए और 26 अप्रैल को जांच में डेल्टा स्वरूप कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. मैंने 30 मार्च को कोविशील्ड की पहली खुराक ले रखी थी. मुझे इस वायरस को पराजित करने में 20-25 दिन लग गये. (ईश्वर को) धन्यवाद, मुझे अस्पताल नहीं जाना पड़ा.''
डेल्टा प्लस कोरोना वायरस के अन्य वैरिएंट के मुकाबले फेफड़ों में ज्यादा सक्रिय पाया गया
देवगढ़ के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी एम के उपाध्याय ने कहा कि जिस गांव में यह बुजुर्ग रहते हैं, उस गंव में 10-30 अप्रैल के बीच 81 लोगों में संक्रमण पाया गया . उन्होंने कहा कि लेकिन 60 साल के इन बुजुर्ग में परिवर्तित स्ट्रेन मिला जिसकी केंद्र सरकार ने चिंता के स्वरूप के रूप में पहचान कर रखी है. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि यह बुजुर्ग अब ठीक हो गये. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविशील्ड की पहली खुराक ने शायद इन बुजुर्ग को डेल्टा प्लस स्वरूप का कड़ा मुकाबला करने की ताकत दी . स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. बिजय महापात्रा ने कहा कि रोग विज्ञान टीम उनकी सेहत पर अभी और निगरानी रखेगी.
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कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट फेफड़ों में ज्यादा सक्रिय पाया गया है. इसका ऊतकों से काफी गहना जुड़ाव मिला है. हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे गंभीर बीमारी होगी और यह ज्यादा संक्रामक होगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता. वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्य समूह (NTAGI) के प्रमुख डॉ एन के अरोड़ा ने ये जानकारी दी है. भारत के बाहर भी कई देशों मे कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है.