महाराष्ट्र के मीरा रोड इलाके में भाषा को लेकर हुए विवाद ने बड़ा तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सात कार्यकर्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला 29 जून की रात करीब 10:35 बजे का है, जब मीरा रोड पूर्व के शांति पार्क इलाके में स्थित बालाजी होटल के पास ‘जोधपुर स्वीट्स अँड नमकीन' नामक मिठाई की दुकान पर कुछ मनसे कार्यकर्ता पहुंचे. दुकान में कार्यरत कर्मचारियों और मालिक से उन्होंने मराठी में बात करने की मांग की. शिकायतकर्ता सुभाष चौधरी के अनुसार, जब उन्होंने कहा कि उनकी दुकान में सभी भाषाएं बोली जाती हैं और सभी ग्राहकों का समान रूप से स्वागत किया जाता है, तो मनसे कार्यकर्ता भड़क गए.
इसके बाद, कार्यकर्ताओं ने दुकान में घुसकर सुभाष चौधरी के साथ मारपीट शुरू कर दी. उन्होंने चौधरी से गाली-गलौज की, थप्पड़ मारे और दुकान के भीतर हंगामा किया. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे ये मामला पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन गया है.
पीड़ित सुभाष चौधरी ने काशीमीरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया कि वो महाराष्ट्र और मराठी भाषा का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन जबरदस्ती भाषा थोपना गलत है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 1 जुलाई की रात 1:39 बजे सात मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की कुल छह धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एफआईआर में लगाई गई धाराएं
- धारा 189(2) – डराने-धमकाने की नीयत से हमला करना
- धारा 191(2) – अवैध रूप से शारीरिक चोट पहुँचाना
- धारा 351(2) – जानबूझकर शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी देना
- धारा 352 – गैरकानूनी रूप से चोट पहुंचाना
- धारा 356(2) – सार्वजनिक स्थान पर बदसलूकी या मारपीट करना
- धारा 190 – सार्वजनिक शांति भंग करने वाला कृत्य करना
एफआईआर के अनुसार, ये घटना मीरारोड पुलिस स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर घटी थी. सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. शिकायतकर्ता ने बताया कि मनसे कार्यकर्ता पहले दुकान के बाहर खड़े रहे, फिर अचानक भीतर आकर पूछने लगे – “मराठी में क्यों नहीं बोलते?” जब जवाब मिला कि “हम सभी भाषाओं को महत्व देते हैं,” तो उन्होंने दुकान में मारपीट शुरू कर दी.
'इस तरह की जबरदस्ती गलत'
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने बार-बार ये स्पष्ट किया कि वो महाराष्ट्र में रहकर मराठी भाषा और संस्कृति का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की जबरदस्ती गलत है. उन्होंने ये भी कहा कि घटना से वो और उनका परिवार डरे हुए हैं.
इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू हो गई है. कई विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि महाराष्ट्र में "भाषा के नाम पर हिंसा" बर्दाश्त नहीं की जा सकती.