म्यांमार का एक सैन्य विमान मंगलवार को मिजोरम के लेंगपुई हवाईअड्डे पर रनवे से फिसल गया. दरअसल, यह सैन्य विमान म्यांमार के उन सैन्य कर्मियों को एयरलिफ्ट करने आया था, जो अपने मुल्क में विद्रोही गुटों के साथ गंभीर झड़पों के बाद पूर्वोत्तर भारतीय राज्य में शरण मांग रहे थे.
लेंगपुई में मौजूद टेबलटॉप रनवे को चुनौतीपूर्ण माना जाता है. म्यांमार का विमान शान्क्सी वाई-8 लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसला, और उसका फ़्यूसलेज दो टुकड़े हो गया.
भारत ने सोमवार को कम से कम 184 म्यांमार सैनिकों को घर भेजा था. असम राइफल्स की ओर से जारी आधिकारिक बयान में पुष्टि की गई है कि पिछले हफ़्ते कुल 276 म्यांमार सैनिक मिज़ोरम में दाखिल हुए थे और सोमवार को उनमें से 184 को वापस म्यांमार भेज दिया गया.
आज़ाद रखाइन राज्य की खातिर लड़ने वाले म्यांमार के विद्रोही गुट 'अराकान आर्मी' के लड़ाकों ने इन सैनिकों के शिविर पर कब्ज़ा कर लिया था और उन्हें मिज़ोरम की ओर भागने के लिए मजबूर कर दिया था.
म्यांमार के सैनिकों को असम राइफल्स के पर्वा स्थित शिविर में ले जाया गया, और बाद में निगरानी के लिए लुंगलेई भेज दिया गया. आइज़ॉल के निकट लेंगपुई हवाईअड्डे से म्यांमार वायुसेना के विमानों के ज़रिये इस सैनिकों के ग्रुप को म्यांमार के रखाइन राज्य में मौजूद सितवे तक रवाना किए जाने के साथ ही म्यांमार के सैनिकों को वापस भेजा जाना शुरू हो गया है.
असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा कि शेष 92 सैनिकों को मंगलवार को ही वापस भेजा जाएगा. सैनिकों के इस समूह का नेतृत्व एक कर्नल रैंक का अधिकारी कर रहा है, और इसमें 36 अधिकारी और 240 निचले स्तर के कर्मी शामिल हैं.