मध्य प्रदेश में क्या नाबालिगों, 'मृतकों' को भी लग गया टीका, बिना वैक्सीनेशन के भी आ रहे मैसेज

MP Covid Vaccination : मध्य प्रदेश के कई शहरों में बिना कोरोना वैक्सीन लगवाए लोगों के नंबर पर टीका लग जान के मैसेज आ रहे हैं.यहां तक कि मृतकों के नाम पर भी उनके परिजनों को टीकाकरण के मैसेज आ गए.

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MP Coronavirus News: मध्य प्रदेश में एक हफ्ते में रिकॉर्ड टीकाकरण का दावा
भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार एक ओर रिकॉर्ड संख्या में टीकाकरण का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओऱ कोविड वैक्सीनेशन में ऐसी खामियां सामने आ रही हैं, जो गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं. लोगों के पास बिना वैक्सीन लगवाए उनके नंबर पर मैसेज आ रहे हैं.यहां तक कि मृतकों के नाम पर भी उनके परिजनों को टीकाकरण के मैसेज आ गए. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का दावा है कि कई जगह ऐसे लोगों के नाम पर भी टीका लगने के मैसेज आ गए, जो इस दुनिया में ही नहीं है.

सतना में कातिकराम, कालिंद्री और चंदन को 21 जून को वैक्सीन के महाभियान के दिन टीका लगा शाम 4 बजे 5-5 मिनट के अंतराल पर. लेकिन तीनों के वैक्सीनेशन का मैसेज आ गया, चैनेंद्र पांडेय के मोबाइल पर. चैनेंद्र पांडे कहते हैं कि 5 मिनट के अंदर 3 मैसेज आ गए,  बस नाम अलग हैं, मैंने आजतक कोई टीका लगवाया नहीं है.भोपाल के टीला जमालपुरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले 13 साल के वेदांत डांगरे को भी 21 जून को टीका लग गया, चौंकिये मत भले ही सरकार कह रही हो, 18 साल से ऊपर वालों को ही टीका लगेगा लेकिन वेदांत के नाम पर बाकायदा मैसेज आया है. उनके पिता रजत डांगरे ने कहा  21 जून को शाम को 7.27 पर मैसेज आया है कि वेदांत को वैक्सीन लग गई उसकी अभी 13 साल उम्र है. जबकि बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है.

एक और चमत्कार ये है कि वेदांत की उम्र 56 साल लिखी है. कम से कम दस्तावेजों में, वेदांत खुद कहते हैं मैं 13 साल का हूं, जो लिंक दिए थे, मैसेज में पापा ने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उनके ही डॉक्यूमेंट लगे थे, लेकिन उम्र 56 साल कर दी गई. भोपाल में पीजीबीटी कॉलेज रोड में रहने वाली नुजहत सलीम को भी 21 जून को वैक्सीन लगने का मैसेज मिला. उन्हें पेंशन नहीं मिलती लेकिन पहचान पत्र सत्यापन में पेंशन डाक्यूमेंट के दस्तावेज दर्ज हैं, वो कहती हैं मेरे पास 21 जून को मैसेज आया रात में 10.57 बजे आपको वैक्सीन लग चुकी है, जबकि उन्हें अभी वैक्सीन लगी नहीं है. उन्हें डर है कि अगर वो वैक्सीन लगवाने जाऊंगी तो ऐसा ना हो कि वो बोलें कि आपको कोरोना वैक्सीन लग चुकी है.

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रतलाम में कर सलाहकार प्रेम पंड्या ने स्लॉट तो बुक किया लेकिन वैक्सीन लगवाने जा नहीं पाए. इसके बावजूद वैक्सीन लगवाने का मैसेज आ गया. शाम को 4 बजे मैसेज आया कि वैक्सीन लग गई, जिसमें लिखा कि आप सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लीजिये. लेकिन सवाल है कि जब गया ही नहीं तो वैक्सीन कैसे लग गई. इसे फेसबुक पर लिखा तो अगले दिन कॉल आया और कोरोना वैक्सीन लगी.अलग-अलग शहरों से शिकायतों के बावजूद भी मंत्री जी कह रहे हैं कहीं दिक्कत नहीं है.

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चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ऐसा नहीं है कहीं ऐसी दिक्कत नहीं है आप कहां से ये बात लेकर आए हैं, मैं पहली बार सुन रहा हूं कहीं ऐसा मिलेगा तो हम जांच करवाएंगे.वहीं कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा रोज नये आंकड़े सामने आ रहे हैं फर्जीवाड़े भी. 13 साल के बच्चे को, मृत व्यक्ति को वैक्सीन लगा दिया, बैतूल में 47 गांवों में वैक्सीन नहीं लगी. जो काम राज्य सरकार, उसके मंत्रियों को करना चाहिये वो काम प्रधानमंत्री कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 जून को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन का दावा किया था.

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मध्य प्रदेश में टीका उत्सव के हफ्ते में पहले दिन यानी 21 जून को 17 लाख 42 हजार  23 जून को 11 लाख 43 हजार, 24 जून को 7 लाख 5 हजार और 26 जून को 9 लाख 64 हजार लोगों को टीका लगा लगाने का दावा किया. लेकिन 20 जून को 4098 टीके लगे, 19 जून को 24700 टीके और 18 जून को सिर्फ 11,742 टीके लगे थे.बाकी दिनों में कम टीके के पीछे सरकार का तर्क है कि वो सिर्फ सोमवार, बुधवार-गुरुवार और शनिवार को टीके लगाती है. बाकी दिनों का आंकड़ा निजी अस्पतालों का होता है. वैसे 19 जून को भी शनिवार ही था.

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