कर्नाटक: ओमिक्रॉन के खौफ के बीच आज से नाइट कर्फ्यू, कोविड के खिलाफ 'तैयारियों' में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार

बेंगलुरु के सीवी रमन अस्पताल में वरिष्‍ठ अधिकारियों की देखरेख में ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल की गई. यह कवायद, ये पता करने के लिए की गई कि प्लांट सही ढंग से काम कर रहे या नहीं.

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कर्नाटक:  ओमिक्रॉन के खौफ के बीच आज से नाइट कर्फ्यू, कोविड के खिलाफ 'तैयारियों' में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार
ओमिक्रॉन के खौफ के चलते कई राज्‍यों में हाल में नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:

Karnataka: कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे (Omicron scare) को देखते हुए कर्नाटक में  सोमवार रात 10 बजे से सुबह 5 पांच बजे तक रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है. इस फैसले का मकसद नए साल के जश्‍न के नाम पर लोगों को जमावड़े को रोकना है. इसके साथ ही आज से ही पूरे राज्य में ऑक्सीजन प्लांट की जांच के लिए मॉक ड्रिल शरू किया गया है ताकि कोरोना की तीसरी लहर आने की स्थिति में तैयारियों में किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए. बेंगलुरु के सीवी रमन अस्पताल में वरिष्‍ठ अधिकारियों की देखरेख में ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल की गई. यह कवायद, ये पता करने के लिए की  गई कि  प्लांट सही ढंग से काम कर रहे या नहीं. राज्य ने 1400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन बनाने की क्षमता हासिल की है. गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 1200 से 1300 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन  की ज़रूरत थी और इसकी कमी की वजह से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.

स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ सेल्वराज ने कहा, 'कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका है. इसी को देखते हुए हम ये पता कर रहे है कि तैयारियां कितनी चाक-चौबंद हैं. हम तीन पैरामीटर पर जांच कर रहे हैं. ऑक्सीजन प्लांट सही से काम कर रहा है या नहीं,  जो घनत्व ऑक्सीजन का होना चाहिए वह हमें मिल रहा है या नहीं और यह कितनी शुद्ध है? ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के साथ साथ राज्‍य के दूसरे हिस्‍सों में सात जनवरी तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू होगा यानी नए साल के जश्न सड़कों या होटल में आधी रात मनाने पर पाबंदी होगी. जश्न सिर्फ घरों में मनाया जा सकता है अपार्टमेंट्स के कैंपस में भी नहीं. इसके साथ साथ वैक्सीनशन पर भी ज़ोर दिया जा रहा है. कर्नाटक के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डी रणदीप ने कहा, 'हम लोगों को जागरूक करना चाहते हैं और  समझाना चाहते हैं कि वैक्सीन नही लेना कितना खतरनाक साबित हो सकता है. लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे कोविड वेब के दौर में हैं.  सरकार इसलिए भी चिंतित है क्योंकि देश मे ओमिक्रॉन  का पहला मरीज़, कर्नाटक में ही मिला था. राज्‍य में अभी भी 40 फीसदी के आसपास लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगनी है. इसके बावजूद आमलोगों के साथ-साथ नेता भी  कोविड प्रोटोकाल का खुलेआम उल्‍लंघन करते देखे जा सकते हैं.

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