असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अप्रवासी मुस्लिमों से कहा- जनसंख्या को नियंत्रित रखें

असम की 3.12 करोड़ आबादी में अप्रवासी मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 31 फीसदी है और 126 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर ये निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
असम के सीएम ने अप्रवासी मुस्लिमों से की अपील- जनसंख्या कंट्रोल करें
गुवाहाटी:

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि समाजिक संकट जैसे भूमि अतिक्रमण को हल किया जा सकता है यदि अप्रवासी मुस्लिम परिवार नियोजन का पालन करते हैं और अपनी आबादी को नियंत्रित रखते हैं.  उन्होंने राज्य के प्रसिद्ध तीर्थस्थल का जिक्र करते हुए कहा कि दि जनसंख्या विस्फोट जारी रहा तो एक दिन कामाख्या मंदिर की जमीन पर भी कब्जा कर लिया जाएगा और यहां तक कि मेरे घर पर भी अतिक्रमण हो जाएगा.बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल का एक महीना पूरा कर लिया है. उन्होंने गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन में अतिक्रमण विरोधी अभियानों के संदर्भ में एक सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणी की. दरअसल, असम अतिक्रमण विरोधी अभियान वहां जारी है, जो लोग विस्थापित हुए हैं, वे अप्रवासी मुस्लिम सुमदाय के हैं.

माना जाता है कि मध्य और निचले हिस्से के असम में रहने वाले बंगाली-भाषी मुस्लिम बांग्लादेश से आए प्रवासी हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ऐसा नैरेटिव तैयार किया कि असम के मूल समुदायों को इनसे बचाने की जरूरत है. 

असम की 3.12 करोड़ आबादी में अप्रवासी मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 31 फीसदी है और 126 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर ये निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

Advertisement


असम में को-वैक्सीन की कमी खड़ी कर रही है बड़ी समस्या, दूसरी डोज से चूक रहे हैं लोग

Advertisement

सीएम सरमा ने कहा कि हमने पिछले विधानसभा सत्र में ही जनसंख्या नीति लागू कर दी है. हम विशेषकर अल्पसंख्यकर मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि जनसंख्या का बोझ कम किया जा सके. जनसंख्या विस्फोट गरीबी और अतिक्रमण जैसी सामाजिक बुराइयों की जड़ है. वह वनों, मंदिरों और वैष्णव मठों से संबंधित वनों  की भूमि पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती. लेकिन मैं ये समझता हूं कि यह सब जनसंख्या विस्फोट के कारण है. मैं दूसरी तरफ के दबाव को समझता हूं कि लोग कहां रहेंगे.

Advertisement

अगर हम जनसंख्या को नियंत्रित कर लेते हैं तो कई सामाजिक बुराइयों को हल कर सकते हैं, अगर अप्रवासी मुसलमान एक सभ्य परिवार नियोजन मानदंड को अपनाएं. ये मेरी उनसे अपील है. सीएम सरमा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF और ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन AAMSU के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं.

Advertisement

एआईयूडीएफ के महासचिव अनिमुल इस्लाम ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान राजनीति से प्रेरित है और एक समुदाय के खिलाफ है. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार ने जनसंख्या नीति बनाई तो हमने कभी इसका विरोध नहीं किया, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम जनसंख्या बढ़ने का मुख्य कारण नहीं देख रहे. इसका मुख्य कारण है गरीबी, अशिक्षा. उन्होंने गरीबी और निरक्षरता के संदर्भ में अपनी योजना नहीं बताई.

Featured Video Of The Day
Ravindra Jadeja Press Conference Row: Virat के बाद अब Australia Media ने जडेजा को बनाया निशाना