पाकिस्तान में एक बार फिर सियासी हलचल काफी तेज हो गई है. फिलहाल वहां अविश्वास प्रस्ताव का खतरा उन पर मंडरा रहा है. जिससे प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है. कारण, सत्ता में आने के वक्त इमरान खान का साथ देने वाली पाकिस्तानी सेना अब उनके खिलाफ होती हुई दिख रही है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर बाजवा और अन्य सेना अधिकारियों ने कल इमरान खान से मुलाकात भी की और माना जा रहा की मुलाकात के बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इमरान को बचाने का रास्ता नहीं देने का फैसला किया है.
वहीं जानकारों का कहना है कि इमरान खान के लिए बहुमत साबित करना बहुत ही मुश्किल काम होगा क्योंकि चार चुनौतियां इमरान खान के सामने हैं. इस वक्त पहली चुनौती तो ये है कि जो पूरी ऑपरेशन पार्टी है चाहे वो पीपीपी हो या पीएमएल-एन, वो एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि खुद उनके सहयोगी दल इमराज खान का साथ छोड़ते नजर आ रहे हैं. तीसरी चुनौती है कि अपनी पार्टी के घोषित तौर से 13 जो मेंबर नेशनल एसेंबली हैं, जिनको सांसद भी कहा जा सकता है, वो इमरान खान का साथ छोड चुके हैं और उन्होंने सिंध हाउस में शरण ली है क्योंकि उनको सुरक्षित नहीं लग रहा था. वहीं चौथी चुनौती है कि जो सेना इमरान खान के साथ खड़ी नजर आई थी, अब वह उनके साथ नहीं है.
बता दें कि इन चुनौतियों के मद्देनजर इमरान खान के सामने सबसे बड़ी चुनौती 172 आंकड़ा पार करना होगी. पीटीआई के पास 155 अपने सांसद हैं. वहीं पाकिस्तान में ये नियम है कि जो कोई भी निर्दलीय जीतकर आता है, उसे किसी न किसी पार्टी के साथ जुड़ना पड़ता है. जिसके चलते 5-6 ऐसे सांसदों ने पीटीआई ज्वाइन की थी. जिसके बाद उनकी अपनी तादाद 160 के आसपास हो जाती है. इसके अलावा 12 सांसद पीएमएल-क्यू और एमक्यूएम हैं, जिनको मिलाकर उनकी कुल तादाद 178 है. लेकिन जिस तरीके से महंगाई ने जोर पकड़ा है और जिस तरीके से लोगों का गुस्सा वहां आप उभर कर सामने आया है, ऐसे में ये कहा जा रहे कि खुद इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 30 से 40 ऐसे सांसद जो अपने क्षेत्र में नहीं चाहते हैं. क्योंकि जब वहां जाते हैं तो उनसे सवाल पूछा जाता है और इसलिए असंतोष उनके अंदर पनप रहा है.
बताया जाता है कि इमरान खान की नीतियों से लोग खुश नहीं हैं. चाहे आर्थिक तौर पर हो या किसी अन्य तरह से. जिसके चलते लोगों में इनके खिलाफ रोष खुलकर नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, अब पाकिस्तानी सेना भी इनका साथ देती नजर नहीं आ रही है. जिससे कि लोगों की नाराजगी सेना से न हो.