टैरिफ से लेकर व्यापार तक... भारत और अमेरिका के बीच इन मुद्दों पर हुई अहम बातचीत

ये बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह भारत से चावल के आयात पर नए टैरिफ लगा सकते हैं.

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नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के मुख्य वार्ताकारों के बीच दिल्ली में एक अहम बैठक हुई.वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि (U.S. Deputy Trade Representative) रिक स्विट्जर से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों से संबंधित मामलों पर चर्चा की. इस चर्चा के दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत भी शामिल थी.

वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत को दोनों देशों के बीच सातवें दौर की बातचीत के तौर पर नहीं देखना चाहिए.अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते और रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए एक रूपरेखा व्यापार समझौते पर विस्तार से बातचीत हुई. ये बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह भारत से चावल के आयात पर नए टैरिफ लगा सकते हैं. ट्रंप ने यह धमकी मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान की थी, जहां उन्होंने अमेरिकी किसानों के लिए अरबों डॉलर के कृषि राहत पैकेज का ऐलान किया और भारत और कुछ दूसरे एशियाई देशों से कृषि आयात की तीखी आलोचना की.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद भारतीय एक्सपोर्टरों पर अतिरिक्त टैरिफ की तलवार फिर लटक गयी है.सितम्बर, 2025 से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाले चावल पर 50% रेसिप्रोकल टैरिफ लागू है. अब ट्रंप के ताज़ा बयान के बाद भारत से करीब 3150 करोड़ का चावल एक्सपोर्ट व्यापार धीमा पड़ने की आशंका है.

भारत-अमेरिका ट्रेड ट्रेड वार्ता पर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने 28 नवम्बर को कहा था कि भारत अमेरिका के साथ दो मोर्चों पर व्यापार वार्ता कर रहा है. अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत चल रही है. इसके साथ ही, रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए एक रूपरेखा व्यापार समझौते (Framework Trade Deal) पर अलग से बातचीत हो रही है. अमेरिका के साथ समानांतर बातचीत चल रही है. रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए हम एक रूपरेखा व्यापार समझौते के बहुत करीब हैं. सही रास्ता ढूंढने में बस कुछ ही समय लगेगा। हमें उम्मीद है कि इसी कैलेंडर वर्ष में कोई समाधान निकल आएगा".

भारत का मानना ​​है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता  तभी लाभदायक होगा जब अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते में काफ़ी समय लगेगा. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के कई चरण होंगे. पहले चरण में पारस्परिक शुल्कों के मुद्दे पर मुख्य फोकस होगा. दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत इस साल मार्च के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई थी. 13 फरवरी, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अक्टूबर-नवंबर, 2025 तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के पहले tranche को तैयार करने को लेकर समझौता हुआ था.

भारत और अमेरिका प्रस्तावित बिलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए जो द्विपक्षीय व्यापार को मौजूद 190 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलीयन डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं. भारत और अमेरिका के वार्ताकारों के बीच अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है, अंतिम दौर की बातचीत 15-17 अक्टूबर, 2025 को वाशिंगटन में हुई.

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