कर्नाटक में 5 गारंटी लागू करने की चुनौती, वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार कहां से जुटाएगी पैसे?

कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए '5 गारंटी' के वादे को लागू करने से राज्य के खजाने पर हर साल करीब 50000 करोड़ रुपये का भार पड़ सकता है.

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कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है.

नई दिल्ली:

कर्नाटक में एक और जहां मुख्यमंत्री (Karnataka Congress Government Formation) के नाम को लेकर कांग्रेस पार्टी में मंथन जारी है. वहीं, आर्थिक विशेषज्ञ इस माथापच्ची में भी लगे हैं कि चुनाव में 'पांच गारंटियों' (Congress  5 Guarantees) के वादे को किस तरह पूरा किया जाएगा. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कह चुके हैं कि सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में ही 'पांच गारंटियों' को लागू करने का फैसला किया जाएगा. लेकिन इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये है कि इन गारंटियों को पूरा करने में कितना खर्च होगा? इसका पैसा कहां से आएगा? गारंटियों को पूरा करते समय कुछ शर्तें भी होंगी या नहीं? इन गारंटियों का लाभ राज्य के सभी लोगों को मिलेगा या फिर गरीब और निम्न मध्य वर्ग ही इसका लाभ उठा पाएंगे? 

कल्याणकारी उपायों पर होने वाले खर्च को लेकर पार्टी के प्रमुख नेताओं ने जोर देकर कहा है कि कोई उन्हें मुफ्त उपहार नहीं कह सकता. क्योंकि ये सशक्तीकरण के उपकरण हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 10 मई के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने में पांच गारंटी का खासा योगदान रहा है. ऐसे में इन्हें लागू करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.

कांग्रेस की पांच गारंटियां क्या हैं?
1- गृह ज्योति
हर घर को 200 यूनिट बिजली मुफ्त.

2. गृह लक्ष्मी
हर परिवार की महिला मुखिया को 2000 रुपये प्रति महीना.

3. अन्न भाग्य
हर बीपीएल परिवार को हर महीने 10 किलो चावल मुफ्त.

4. युवा निधि
बेरोजगार ग्रैज्युएट को 3000 और डिप्लोमाधारी को 1500 रुपये महीने दो साल तक.

5. शक्ति
राज्य सरकार की बसों में पूरे राज्य में महिलाओं को मुफ्त यात्रा.

कांग्रेस ने इन पांच गारंटियों के अलावा कुछ और रियायतों का वादा किया है जैसे- गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए हर साल 500 लीटर टैक्स फ्री डीजल. फिशिंग हॉलीडे के दौरान सभी मछुआरों को 6000 रुपये का भत्ता. तीन रुपये प्रति किलो गाय का गोबर खरीदना.

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5 गारंटी को लागू करने में कितना होगा खर्च?
-एक्सपर्ट के मुताबिक, इन 5 62 हजार करोड़ तक का खर्च संभव.
- कर्नाटक का कुल बजट तीन लाख करोड़ रुपये.
- राज्य बजट का 20% गारंटियों पर खर्च.
- 2023-24 के बजट में सरकारी घाटा 60581 करोड़ रहने का अनुमान.
- गारंटियों का खर्च जोड़ने पर सरकारी घाटा दोगुना हो सकता है.

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कांग्रेस की दलील 4
कांग्रेस की दलील है कि पांचों गारंटियों पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं आएगा. कर्नाटक में जीएसटी कलेक्शन सर्वाधिक दर से हुआ है. जनवरी के अंत तक 83010 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ. कांग्रेस का कहना है कि राजस्व में बढ़ोतरी से गारंटी पूरा करना आसान होगा. कांग्रेस सरकार पहले 7 किलो अनाज मुफ्त दे रही थी. बीजेपी ने इसे घटाकर पांच किलो कर दिया. अब कांग्रेस फिर से अनाज बढ़ा कर 10 किलो कर रही है. कांग्रेस चावल के साथ बाजरा भी देगी. इससे इनकी खेती और उत्पादन बढ़ेगा. कर्नाटक में अतिरिक्त बिजली उत्पादन होता है. कर्नाटक दूसरे राज्यों को बिजली देता है. कांग्रेस सरकार राज्य में पांच हजार मेगावाट के सोलर प्लांट लगाएगी. 

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हर गारंटी के साथ शर्तें भी जुड़ी हैं?
हां. कांग्रेस ने गारंटियों के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी हैं. ये गारंटियां पूरे राज्य के लिए नहीं हैं, बल्कि गरीब और निम्न मध्य वर्ग के लिए हैं. जैसे मुफ्त बिजली केवल उन्हीं घरों को मिलेगी, जहां खपत 200 यूनिट या उससे कम है. केवल सामान्य बसों में घर से काम पर जाने पर मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी. सेमी डीलक्स या उससे ऊपर की बसों में यात्रा पर छूट नहीं है. दस किलो चावल केवल बीपीएल परिवारों को ही दिया जाएगा. बेरोजगारी भत्ते पर भी कुछ शर्तें लागू होंगी. केवल बीपीएल परिवारों की महिला प्रमुख को 2000 रुपये महीना दिया जाएगा.

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