ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को हैं तैयार, जस्टिस वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव संभव : रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा, ‘‘सरकार का मानना ​​है कि भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला किसी एक राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं होता. भ्रष्टाचार के खतरे से लड़ना सभी दलों का रुख है, चाहे वह न्यायपालिका हो या कोई और क्षेत्र.’’

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नई दिल्ली:

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने बुधवार को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने में सभी राजनीतिक दलों को साथ लेने के सरकार के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को ‘राजनीतिक चश्मे' से नहीं देखा जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में फंसे न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के उद्देश्य से की जा रही यह कवायद एक ‘सहयोगात्मक प्रयास' हो. उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने दोषी ठहराया है.

यहां आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र की तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है. संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा. इसकी जानकारी किरेन रिजिजू ने बुधवार को दी थी. 23 दिन के मॉनसून के इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और इनमें से एक न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी होगा. 

इस पर किरेन रिजिजू ने कहा, " इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के संबंध में मैंने राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है. अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दलों को पहले ही बता दिया गया है और हमने एक सहयोगात्मक प्रयास की मांग की है, जहां सभी राजनीतिक दल एक साथ आएं और संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश करें."

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इससे पहले भारत सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी थी कि संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है. केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र की तारीख का ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब विपक्ष की ओर से लगातार पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जा रही है.

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इससे पहले संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया गया था. पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और 13 फरवरी तक चला. वहीं संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू हुआ था और चार अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था.

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