Pollution in Mumbai. बीते कुछ दिनों से मुंबई में दिख रहा प्रदूषण (Pollution) अब अस्पतालों में ऐलर्जी और वायरल इन्फेक्शन के मरीज (Patients) बढ़ा रहा है. निजी और सरकारी लगभग सभी अस्पतालों में करीब 40-45% मरीज बढ़े हैं. कोविड से ठीक हुए और अस्थमा के मरीजों में तकलीफ़ ज़्यादा बढ़ी है. दरअसल, बीते कुछ दिनों से मुंबई की बिगड़ी हवा मुंबईकरों को बीमार बना रही है. बच्चे, युवा, और बुजुर्गों में ऐलर्जी और वायरल इन्फ़ेक्शन के मामले 40-45% बढ़े हैं.
डॉ. नीलकंठ तुकाराम आव्हाड, विभागाध्यक्ष- चेस्ट मेडिसिन एंड इंटेंसिव रेस्पिरेटरी केयर यूनिट, सायन हॉस्पिटल का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने के कारण और मौसम में बदलाव, अचानक गर्म-ठंड के कारण ऐलर्जी के मरीज़ ज़्यादा बढ़ रहे हैं. खांसी, सर्दी और बार-बार छींक की शिकायत है. इनमें करीब 4-5 दिन में ठीक होने वाली सर्दी को ठीक होने में 10 दिन लग रहे हैं. OPD में ऐसे करीब 350-375 मरीज रोजाना आ रहे हैं. पहले करीब 250 तक आते थे.
अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि वैसे मैं यहाँ करीब 6 मरीज़ों को रोज़ चेक करता था, लेकिन अब करीब 12 मरीज तो आ ही जाते हैं. सरकारी अस्पताल है इसलिए जैसे जैसे मरीज आते हैं, वैसे हम मना तो कर नहीं सकते. इसलिए हम उनकी जाँच करते हैं.
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डॉ. प्रीतम मून, सलाहकार चिकित्सक, वॉकहार्ट अस्पताल ने बताया कि जो मरीज़ कोविड से रिकवर हुए हैं और जिन्हें डायबिटीज भी है और लंग्स में फ़ायब्रोसिस हुआ, वो ऐलर्जी का ज़्यादा शिकार हुए हैं. साथ ही जो पहले से अस्थमा के मरीज़ हैं, उनमें तकलीफ बढ़ी है. भले ही वो किसी भी उम्र के हों.
गौरतलब है कि करीब एक हफ्ते पहले मुंबई के कुछ इलाक़ों की हवा दिल्ली से भी अधिक जहरीली हो गयी थी. सिर्फ हवा की क्वालिटी ही ख़राब नहीं हुई बल्कि तापमान में गिरावट के बाद फौरन बढ़त और अचानक बारिश ने भी सेहत बिगाड़ने का काम किया है.
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