जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पुलिस के बीच ट्विटर पर उस समय विवाद देखने को मिला जब महबूबा ने दावा किया कि उन्हें उत्तरी कश्मीर के एक इलाके में जाने से रोकने के लिए घर में नजरबंद रखा गया था. पुलिस ने पीडीपी प्रमुख के दावों का खंडन किया और कहा कि वह कहीं भी यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं.
महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि चूंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तरी कश्मीर में श्रीनगर से 54 किलोमीटर दूर बारामूला की यात्रा पर थे और वहां एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, उन्हें श्रीनगर से 27 किलोमीटर दूर पट्टन में एक पार्टी कार्यकर्ता की शादी में शामिल होने से रोक दिया गया. उन्होंने ट्वीट किया कि जब गृह मंत्री (अमित शाह) कश्मीर में स्थिति के सामान्य होने का ढोल पीटते हुए कश्मीर में घूम रहे थे तो मैं केवल एक कार्यकर्ता की शादी के लिए पट्टन जाने की इच्छा के कारण नजरबंद हूं. उन्होंने लिखा कि अगर किसी पूर्व मुख्यमंत्री के मौलिक अधिकारों को इतनी आसानी से सस्पेंड किया जा सकता है तो आम आदमी की दुर्दशा की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती. उन्होंने अपने घर के मुख्य द्वार के दरवाजे को कथित रूप से बंद करने की तस्वीरें भी डाली.
हालांकि लगभग 40 मिनट बाद श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया कि उनकी पट्टन की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है. पुलिस ने यहां तक दावा किया कि उन्होंने खुद गेट को अंदर से बंद कर लिया था.
पुलिस ने ट्वीट में कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि पट्टन में किसी भी तरह की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जैसा कि हमें सूचित किया गया है. वह दोपहर 1 बजे पट्टन की यात्रा करें. उनके द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर गेट के अंदर की है, जिसमें बंगले में रहने वाले निवासियों का अपना ताला है. कोई ताला या कोई प्रतिबंध नहीं है. वह यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने गेट की तस्वीरें बाहर से बिना ताले के लगा दीं. इसका मुफ्ती ने तुरंत खंडन किया. उन्होंने कहा कि एसएसपी बारामूला ने उन्हें मंगलवार रात को सूचित किया कि उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि पुलिस झूठ बोल रही है.