प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने आईएलएंडएफएस के कथित भुगतान संकट मामले में धन शोधन की जांच के दौरान सिंगापुर स्थित एक संदिग्ध अथवा मुखैटा कंपनी की 452 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुये कहा कि संपत्ति को अस्थाई रूप से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है और यह संपत्ति ब्रिटेन के नागरिक जैमिन व्यास के स्वामित्व वाली एक संदिग्ध कंपनी ए एस कोल पीटीई सिंगापुर की हिस्सेदारी वाले शेयरों के रूप में है.
बयान में कहा गया, ‘‘जब्त संपत्ति आईएलएफएस तमिलनाडु पावर कंपनी लिमिटेड (आईटीपीसीएल) के 8.86 प्रतिशत शेयरों के रूप में है, जिनका वर्तमान मूल्य लगभग 452 करोड़ रुपये है.'' धन शोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 2019 में आईआरएल, आईटीएनएल (आईएलएंडएफएस की समूह कंपनियां), इसके अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामले से निकला है.
प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले में उसकी सहयोगी जांच एजेंसी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा आईएलएण्डएफएस फाइनेंसियल सविर्सिज (आईएफआईएन) और उसके अधिकारियों के खिलाफ दायर शिकायत का संज्ञान लेते हुये इसकी जांच शुरू की. ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि जैमिन व्यास का आईएलएण्डएफएस के अधिकारियों और सीप्को-तीन नामक एक चीनी ईपीसी ठेकेदार के बीच साठगांठ के जरिये आईएलएण्डएफसी और भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी की सुनियोजित योजना थी.
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