IIT Guwahati  ने फलों- सब्जियों को ज्यादा दिन तक ताज़ा रखने के लिए विशेष कोटिंग तैयार की

आईआईटी  गुवाहाटी (IIT Guwahati) के शोधकर्ताओं ने खाने योग्य बाइओडिग्रेड्डबल कोटिंग तैयार की है जिससे फल व सब्जियां (Fruits & Vegetables) ज्यादा समय तक ताजा बनी रहेंगी.

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यह पाया गया कि इस कोटिंग से सब्जियां करीब दो महीने तक ताजा रखी जा सकती हैं.
नई दिल्ली:

आईआईटी  गुवाहाटी (IIT Guwahati) के शोधकर्ताओं ने खाने योग्य बाइओडिग्रेड्डबल कोटिंग तैयार की है जिससे फल व सब्जियां (Fruits & Vegetables) ज्यादा समय तक ताजा बनी रहेंगी. अधिकारियों के मुताबिक, यह कोटिंग फलों व सब्जियों की बर्बादी रोकने में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि इसका परीक्षण आलू, टमाटर, हरी मिर्च, स्ट्राबेरी, संतरे की खासी मंदारिन प्रजाति, सेब, अनानास और किवी पर किया गया. यह पाया गया कि इस कोटिंग से सब्जियां करीब दो महीने तक ताजा रखी जा सकती हैं.

शोध के परिणाम रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री एडवांसेज, फूड पैकेजिंग एंड शेल्फ लाइफ और अमेरिकन केमिकल सोसाइटीज फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहित प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि उनकी खोज देश को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लक्ष्य 12.3 को पूरा करने में मदद कर सकती है, जिसका उद्देश्य उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ-साथ फसल के बाद के नुकसान सहित खाद्य नुकसान को कम करना है.

आईआईटी गुवाहाटी के रसायन अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर विमल कटियार ने कहा, “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक पैदावार के बाद 4.6 प्रतिशत फल और 15.9 प्रतिशत सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं, इसकी एक वजह भंडारण की खराब स्थितियां भी हैं. वास्तव में, आलू, प्याज और टमाटर जैसे कुछ उत्पादों में फसल के बाद का नुकसान 19 प्रतिशत तक हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इस अत्यधिक खपत वाली वस्तु के लिए दाम ज्यादा होते हैं.” टीम ने सब्जियों और फलों पर कोटिंग के लिए सुरक्षात्मक, खाने योग्य जैव अपघटनीय परत (फिल्म) का उत्पादन करने के लिए सूक्ष्म-शैवाल सत्त और पॉलीसेकेराइड (एक कार्बोहाइड्रेट) के मिश्रण का उपयोग किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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