स्टूडेंट की कथित खुदकुशी के बाद तनाव कम करने के लिए पाठ्यक्रम में सुधार की तैयारी कर रहा IIT Bombay

अनुसूचित जाति से संबंधित 18 साल के दर्शन सोलंकी की 12 फरवरी को IIT के पवई परिसर में एक हॉस्‍टल बिल्डिंग की 7वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी करने से मौत हो गई थी.

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दर्शन सोलंकी ने IIT के पवई परिसर में हॉस्‍टल बिल्डिंग की 7वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी
मुंबई:

इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी बॉम्‍बे (IIT Bombay)ने जातिगत पूर्वाग्रह के आरोपों के बीच B.Tech प्रथम वर्ष के छात्र की मौत की "समानांतर" जांच के लिए एक पैनल गठित किया है और अपने स्‍टूडेंट्स  से "प्रासंगिक" जानकारी होने पर आगे आने का अनुरोध किया है. इंस्‍टीट्यूट के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने शनिवार को एक बयान में बताया, "पैनल की नेतृत्‍व  प्रोफेसर नंद किशोर कर रहे हैं. इसमें अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के छात्र सेल के सदस्य भी हैं, जिनमें संकाय और छात्र, कुछ छात्र संरक्षक समन्वयक और आईआईटी बॉम्बे अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं.

बता दें, अनुसूचित जाति से संबंधित 18 साल के दर्शन सोलंकी की 12 फरवरी को IIT के पवई परिसर में एक हॉस्‍टल बिल्डिंग की 7वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या करने से मौत हो गई थी. छात्र के परिवार को उसकी मौत में कुछ 'गलत' होने का संदेह है, उन्‍होंने कहा कि दर्शन को भेदभाव का सामना करना पड़ा. 

पवई पुलिस मामले की जांच कर रही है और अहमदाबाद में सोलंकी के घर का दौरा भी किया है. सुभाशीष चौधरी ने कहा कि समिति सक्रिय रूप से उन सभी से मिल रही है जिनके पास प्रासंगिक जानकारी हो सकती है. उन्‍होंने कहा, "आईआईटी बॉम्बे और पुलिस सक्रिय रूप से दर्शन की दुखद मौत के पीछे के कारणों" की जांच कर रहे हैं." उन्‍होंने कहा कि पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों से पूछताछ की है और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए दर्शन के फोन-लैपटॉप को भी कब्जे में ले लिया है."

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चौधरी ने कहा कि IIT Bombay अपने यूजी पाठ्यक्रम में बदलाव की दिशा में काम कर रहा है, जो 2022 के बैच से शुरू हो रहा है, ताकि इसे स्‍टूडेंट्स के लिए "अधिक प्रासंगिक और प्रेरक बनाया जा सके और कुछ तनाव कम किया जा सके." छात्र की मौत के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्टों को 'अपरिपक्‍व' बताते हुए चौधरी ने कहा कि "चूंकि मामला जांच के अधीन है, इसलिए हम कारणों पर तब तक टिप्पणी नहीं कर सकते जब तक कि पुलिसया हमारी जांच समिति की रिपोर्ट तैयार नहीं हो जाती. चौधरी के अनुसार, IIT बॉम्बे में एक SC/ST स्‍टूडेंट सेल है, जहां वे भेदभाव सहित विभिन्‍न मुद्दों को ले जा सकते हैं. इस बीच, गुजरात के कांग्रेस विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने इस मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की है.

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