कोयला संकट नहीं हैं तो हमें आधी बिजली क्यों दे रहा केंद्र, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने पूछा सवाल

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को तो केंद्र के अधीन एनटीपीसी (NTPC) से आधी बिजली ही मिल रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी देश में कोयला आपूर्ति की आज समीक्षा करने वाला है. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा- एनटीपीसी से पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही
नई दिल्ली:

देश में कोयले की आपूर्ति (Coal Shortage) से कमी के कारण बिजली संकट (Power Crisis) पर केंद्र और दिल्ली सरकार अपने-अपने दावे कर रही है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दिल्ली या देश के किसी भी राज्य में बिजली संकट से इनकार किया है और दिल्ली को रोजाना आपूर्ति की फैक्टशीट भी मंगलवार को सोशल मीडिया पर साझा की. वहीं दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने एनडीटीवी से विशेष बातचीत के दौरान केंद्र के दावों को गलत बताया.  जैन ने कहा कि दिल्ली को तो केंद्र के अधीन एनटीपीसी (NTPC) से आधी बिजली ही मिल रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी देश में कोयला आपूर्ति की आज समीक्षा करने वाला है. 


सवाल- केंद्र सरकार ने 25 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच का डाटा जारी करके बताया है कि जितनी मांग थी, उतनी सप्लाई की गई है बिजली की कोई किल्लत नहीं है.

समस्या केवल दिल्ली में नहीं पूरे देश की है. NTPC पूरे देश में कोयले से बिजली बनाने का सबसे बड़ा संस्थान है. NTPC ने अपना बिजली उत्पादन पूरे देश में आधा कर दिया है. वो हम से कह रहे हैं जहां से 500 मेगावाट मिलती है वहां से 250 मेगावाट मिलेगी, जहां से 1000 MW मिलती है वहां से 500 MW मिलेगी. अगर NTPC आधी बिजली दे रहा है तो बाकी बिजली हमको गैस से बनानी पड़ रही है. सब्सिडी वाली गैस केंद्र सरकार ने खत्म कर दी है और कहा है कि मार्केट रेट पर गैस खरीदिए. मार्केट रेट पर गैस खरीदने से 17.25/यूनिट का खर्चा आता है. बाकी सारे खर्च मिलाकर 23-24 रुपये यूनिट पड़ता है. अगर हम इतनी महंगी बिजली खरीदेंगे तो कब तक हम काम चला पाएंगे?  हम बिल्कुल भी एक्स्ट्रा बिजली नहीं मांग रहे, NTPC से जितनी बिजली का एग्रीमेंट है बस उतनी बिजली दे दे.

Advertisement

सवाल -एनटीपीसी से कितनी बिजली मिल रही
जैन के मुताबिक, केंद्र ने जानबूझकर उत्पादन कम किया है, जिसकी वजह से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. गैस से बनाने वाली बिजली 17.25/यूनिट पड़ती है और पावर एक्सचेंज से 20 रुपये यूनिट के रेट पर खरीदनी पड़ रही है. NTPC से हमारा करार रोज़ाना 3500 मेगावॉट का है, लेकिन 1750 MW ही दे रहे हैं. दिल्ली को 5 रुपये की चीज ₹25 में खरीदनी पड़ रही है. दिल्ली 25 रुपये प्रति यूनिट बिजली कितने दिन तक खरीद पाएगी? आमतौर पर हमें बिजली 5.50-6/यूनिट पड़ती है लेकिन गैस वाली बिजली हमको 23 से 24 रुपए यूनिट पड़ रही है.

Advertisement

सवाल- अभी पावर प्लांट की क्या स्थिति है कितने दिन का कोयला बचा है
केंद्र सरकार ने तो लिख कर भेज दिया था कि मार्केट रेट पर जो गैस आपको दे रहे हैं वह भी नहीं देंगे. अब मार्केट रेट वाली गैस केंद्र सरकार दे रही है जिसके चलते हमें बहुत महंगी बिजली बनानी पड़ रही है. हमको बहुत दिक्कत हो रही है एनटीपीसी अपना उत्पादन सामान्य करे.

Advertisement

सवाल- बिजली संयंत्रों में कितने दिन का कोल स्टॉक
अगर फुल कैपेसिटी पर कोई भी प्लांट चलेगा तो 2-3 दिन से ज्यादा कोयला किसी प्लांट में उपलब्ध नहीं है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कोयले की सप्लाई बढ़ाई है. लेकिन अभी हमारे लिए हालात नहीं सुधरे हैं क्योंकि हमें तो बिजली आधी ही दे रहे हैं. 

Advertisement

बड़ी खबर : घटता कोयला, बढ़ता संकट, गृहमंत्री अमित शाह ने की अहम बैठक

Featured Video Of The Day
Stubble Burning: Amritsar में MAXAR की तस्वीरों ने दिखाई पराली की असलियत, देखें Satellite Images
Topics mentioned in this article