पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद यहां ईडी कार्यालय से बाहर निकले बनर्जी ने आरोप लगाया कि ‘‘ईडी के अधिकारी राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए मुझसे पूछताछ कर रहे हैं.''
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) उनकी पार्टी को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' में अपनी भूमिका निभाने से रोकना चाहती है. बनर्जी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुझे उस दिन पेश होने को कहा, जिस दिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' की समन्वय समिति की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि ईडी का समन मुझे ‘इंडिया' गठबंधन की बैठक में शामिल होने से रोकने के लिए था.
अधिकारियों ने बताया कि टीएमसी महासचिव से एजेंसी के अधिकारियों ने पूर्वाह्न 11:30 बजे से लेकर रात्रि 8:40 बजे तक पूछताछ की. ईडी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘बनर्जी को स्कूल भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में साक्ष्य प्रदान करने के लिए बुलाया गया था.''
इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में शामिन नहीं हो सके बनर्जी
डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनर्जी को बुधवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) की समन्वय समिति की बैठक में शामिल होना था, लेकिन ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के चलते वह इस बैठक में शिरकत नहीं कर पाए.
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने ‘‘केंद्रीय एजेंसी को अदालत के समक्ष उनका बयान प्रस्तुत करने की चुनौती दी'' और कहा कि अगर उनसे 72 घंटे तक पूछताछ की जाती है तो भी वह नहीं झुकेंगे.
ईडी के एक अधिकारी ने पूछताछ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि उनके तीन साथी अधिकारियों ने कथित तौर पर घोटाले में शामिल कंपनी ‘लीप्स एंड बाउंड्स' के साथ बनर्जी की भूमिका और संलिप्तता के बारे में उनसे पूछताछ की. जब उनसे पूछा गया कि क्या बनर्जी ने ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग किया तो अधिकारी ने ‘हां' में जवाब दिया.
कलकत्ता हाईकोर्ट में पूरक हलफनामा दायर किया था
बनर्जी ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष एक पूरक हलफनामा दायर किया था जिसमें दावा किया गया कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पहले के समन को चुनौती देने वाला उनका पुनरीक्षण आवेदन लंबित है तो एजेंसी का नया समन ‘‘कानूनी रूप से वैध नहीं है.''
हलफनामे में कहा गया है कि बनर्जी ने उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक पुनरीक्षण याचिका में न केवल पूरी जांच को चुनौती दी है, बल्कि एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए पिछले समन को भी चुनौती दी है.
बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईडी अपना समय बर्बाद कर रही है, लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देता. ईडी के अधिकारी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. भले ही वे मुझसे लगातार 72 घंटे तक पूछताछ करें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.''
केवल टीएमसी ही सीबीआई और ईडी के निशाने पर
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी अन्य राजनीतिक दल की ओर इशारा नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह सच है कि केवल टीएमसी ही सीबीआई और ईडी के निशाने पर है.'' बनर्जी ने दावा किया, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' भाजपा के खिलाफ तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेगा जब तक वह सत्ता से बाहर नहीं हो जाती.''
इन केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए, जो पिछले नौ वर्षों में सारदा घोटाले को नहीं सुलझा पाई हैं, बनर्जी ने कहा कि जब भी कोई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना या चुनाव होता है, तो उन्हें परेशान करने के लिए बुलाया जाता है.
केंद्रीय एजेंसियों पर राजनीतिक साजिश में शामिल होने और नीरव मोदी तथा मेहुल चोकसी जैसे व्यवसायियों द्वारा हजारों करोड़ रुपये हड़पने के भ्रष्टाचार पर ध्यान न देने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के सत्ता में आने पर भाजपा को अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ेगी.''
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं ईडी को चुनौती देता हूं कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह मुझे गिरफ्तार कर ले. वे पिछले कई साल से बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं. अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुझे गिरफ्तार करना चाहिए.''