बिहार के पूर्णिया की रहने वाली प्रियंका की कहानी इन दिनों वायरल हो रही है. दरअसल, जब उन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं मिली तो उसने पटना महिला कॉलेज के सामने अपनी चाय की स्टॉल लगा ली और लोगों को यह संदेश दिया कि कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता. आरा और पटना का 'आइआइटियन चायवाला' चर्चा में आया तो 'ग्रेजुएट चाय वाली' ही भला क्यों पीछे रहती! पटना के सबसे वीआइपी इलाके में एक बेली रोड पर पटना वीमेंस कालेज के ठीक सामने 'ग्रेजुएट चाय वाला' की प्रियंका गुप्ता इंटरनेट पर कम वक्त में छा गई हैं. केवल सात दिनों में ही उनकी दुकान चल निकली है. और अब वे अपनी दुकान को नई जगह पर विस्तार देने की योजना बनाने में भी जुट गई हैं. मजे की बात है कि जब उन्होंने यह दुकान खोलने का इरादा किया तो उनके पास कोई पूंजी भी नहीं थी.
वाराणसी से अर्थशास्त्र में किया है स्नातक
उन्होंने अर्थशास्त्र से स्नातक किया है. वह मूल रूप से पूर्णिया के बनमनखी की रहने वाली हैं. दो भाइयों से बड़ी 24 वर्षीय प्रियंका 2019 में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद कई सालों तक प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करती रहीं. परीक्षा में लगातार असफलता मिलने के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने अपने गांव वापस जाने की बजाय पटना में चाय का ठेला लगा कर आत्मनिर्भर भारत का रास्ता चुना है.
प्रियंका की कहानी सोशल मीडिया पर बहुत ही ज़्यादा वायरल हो रही है. सोशल मीडिया यूज़र्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने कहा कि है प्रियंका हिम्मती लड़की है. प्रियंका की हिम्मत को सलाम पहुंचे. प्रियंका कई युवाओं और युवतियों के लिए प्रेरणा हैं.