बेंगलुरु: वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को आगाह किया कि यदि उपमुख्यमंत्री पद किसी दलित को नहीं दिया गया तो उसकी प्रतिकूल प्रतिक्रिया होगी और पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी होगी. एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार के दौरान परमेश्वर (71) उपमुख्यमंत्री थे और वह दलित समुदाय से आते हैं. वह सबसे लंबे समय (आठ साल तक) तक प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख भी रहे हैं.
उनकी परोक्ष चेतावनी ऐसे समय आयी है जब महज कुछ घंटे पहले कांग्रेस ने घोषणा की कि सिद्धरमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री और डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होंगे. जब परमेश्वर से यह सवाल किया गया कि शिवकुमार ने नेतृत्व के सामने कथित रूप से शर्त रखी है कि केवल वही उपमुख्यमंत्री होंगे, तब उन्होंने कहा, ‘‘ शिवकुमार ने जो कुछ कहा है, हो सकता है कि वह उनकी राय में ठीक हो लेकिन आलाकमान का दृष्टिकोण भिन्न होना चाहिए. आलाकमान को निर्णय लेना है, हमें आशा है कि वह...''
जब उनसे यह कहा गया कि क्या दलित समुदाय को उपमुख्यमंत्री का पद नहीं देकर उसके साथ अन्याय किया गया है, तब उन्होंने कहा कि लोगों, खासकर दलितों को काफी उम्मीदें हैं. परमेश्वर ने यहां कहा, ‘‘ इन आकांक्षाओं को समझते हुए हमारे नेतृत्व को निर्णय लेना होगा. यदि ऐसा नहीं होता है तो निश्चित ही उसकी प्रतिक्रिया होगी. मुझे यह कहने की जरूरत नहीं है. बाद में इसे अहसास करने के बजाय, यदि वे अभी सुधार कर लें तो बेहतर होगा. अन्यथा, पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वे बातों को समझें.''
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दोनों ही पदों का आकांक्षी था. लेकिन अब हमें आलाकमान के फैसले का पालन करना है, इसलिए यह देखना है कि वे आने वाले दिनों में क्या करेंगे. फिलहाल उन्होंने दो के लिए घोषणा की है और हमें यह देखना एवं इंतजार करना होगा कि वे कैसे मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान न्याय करेंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘आलाकमान ने मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री की घोषणा की है. सिद्धरमैया हमारी पार्टी से दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, हम उनसे अच्छा प्रशासन देने की उम्मीद करते हैं. हमारे घोषणापत्र में अच्छे प्रशासन के वादे के कारण लोगों की हमसे उम्मीदें काफी हैं. मैं निर्णय का स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि अच्छा प्रशासन देने में वे हम सभी को विश्वास में लेंगे.''
तुमुकुरू जिले में कोराटागेरे का प्रतिनिधित्व करने वाले परमेश्वर 2013 का विधानसभा चुनाव हार गये थे, तब वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे. वह तब मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, चूंकि वह चुनाव हार गये थे इसलिए उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाकर सिद्धरमैया सरकार (2013-18) में मंत्री नियुक्त किया गया. जब परमेश्वर से कहा गया कि ‘(दलितों में से) किसी ने भी ' मजबूत स्वर में उपमुख्यमंत्री पद की मांग नहीं की, तब उन्होंने कहा कि मजबूत स्वर का मतलब मांग के लिए शोर करना नहीं होता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने (पदों की) मांग की है. मैं आशा करता हूं कि आलाकमान इस पर ध्यान देगा क्योंकि लोगों ने हमें वोट दिया है और कांग्रेस के सत्ता में आने में योगदान दिया है. हमें इस बात को ध्यान में रखना है और आगे बढ़ना है.''
कांग्रेस द्वारा सिद्धरमैया और शिवकुमार को क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा किये जाने से पहले परमेश्वर से जब पूछा गया था कि क्या वह उपमुख्यमंत्री के पद की मांग करेंगे तो उन्होंने कहा था, ‘‘ पूछने की जरूरत ही क्या है? उन्हें देना चाहिए. चूंकि मैं पहले उपमुख्यमंत्री था, मैं आशा करता हूं कि वे देंगे, देखते हैं...''
शिवकुमार द्वारा कथित रूप से रखी गयी मांग कि सिर्फ उन्हें ही उपमुख्यमंत्री बनाया जाए, इस पर आपत्ति करते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘ एक ही व्यक्ति सत्ता में होना चाहिए, अन्य नहीं होने चाहिए-सही रूख नहीं है. सभी ने पार्टी को सत्ता मे पहुंचाने में योगदान दिया है. सभी समुदायों ने योगदान दिया है, इसलिए निश्चित ही उनके साथ इंसाफ किया जाना चाहिए.''
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