जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 370 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है. फारूक अब्दुल्ला ने सवाल किया, ''अगर अनुच्छेद 370 इतना बुरा था, तो जम्मू-कश्मीर ने प्रगति कैसे की?'' पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने से शिक्षा महंगी हो गई है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा "अगर अनुच्छेद 370 इतना बुरा था. मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद द्वारा दिए गए भाषण को फिर से सुनें, जिसमें उन्होंने दो राज्यों की तुलना की थी. उन्होंने गुजरात और जम्मू-कश्मीर की तुलना की थी, जब अनुच्छेद 370 था.
अब अगर धारा 370 और भाई-भतीजावाद जिम्मेदार है तो हमने इतनी प्रगति कैसे की? यह जनता का शासन है, मैं मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव हार गया. तो, वंशवादी शासन कहां है?" अब्दुल्ला ने कहा "यह वंशवादी शासन एक तरह की आम आवाज है जिसे मैंने संसद में भी सुना है. पीएम अपने हर भाषण में एक खास निशाना साधते हैं.''
अब्दुल्ला ने कहा, प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक शिक्षा निःशुल्क थी. आज, शिक्षा केवल 14वीं कक्षा तक मुफ्त है. विश्वविद्यालयों में, आपको अब भुगतान करना होगा. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले क्या था और उसके बाद क्या था, यह देखने के लिए एक ईमानदार आयोग का गठन किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और आज खुलकर के सांस ले रहा है.
पीएम मोदी ने ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर' कार्यक्रम के तहत करोड़ों रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर और तेजी से विकास करेगा.
उन्होंने कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 पर न केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को बल्कि पूरे देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था और इसके अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के हुए बदलावों को रेखांकित किया था.
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