350 साल बाद छत्रपति शिवाजी महाराज का 'वाघनख', ब्रिटेन से लाया जा रहा वापस

महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनघंटीवार ने कहा था कि वाघनख हमारे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है.इस वाघनख को दक्षिण मुंबई के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में रखे जाने की संभावना है.

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इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की राज्याभिषेक के 350 वर्ष  पूरे हो रहे हैं. इस मौक़े पर साल 1659 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिन वाघनख (बाघ के पंजे जैसा लोहे का हथियार) की मदद से अफ़ज़ल ख़ान का वध किया था, उसे तीन सालों के लिए लंदन के विक्टोरिया म्यूज़ियम से महाराष्ट्र में लाया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनघंटीवार तीन अक्टूबर को लंदन पहुंचकर विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम के साथ इस संबंध में क़रार करेंगे.

वाघनख को छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में रखे जाने की संभावना

पिछले महीने उन्होंने कहा था कि सन् 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान का वध करने में छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘वाघनख को नवंबर में लंदन से भारत लाए जाने की संभावना है. मुनगंटीवार ने कहा था कि ‘‘पहले चरण में हम वाघनख ला रहे हैं. यह यहां नवंबर में लाए जाने की संभावना है और हम इसके लिए सहमति पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. हमारा प्रयास इसे उस दिन लाना है जिस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की अंतड़ियां निकाल दी थीं.''

महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनघंटीवार ने कहा था कि वाघनख हमारे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है.इस वाघनख को दक्षिण मुंबई के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में रखे जाने की संभावना है.

फिलहाल लंदन स्थित विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा है वाघनख

बता दें कि इस वाघनख को लंदन स्थित विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा गया है, इस संग्रहालय के अनुसार, यह हथियार ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ (1789-1858) को दिया गया था जिसे तत्कालीन सातारा रियासत का रेसीडेंट (राजनीतिक एजेंट) नियुक्त किया गया था. मराठा साम्राज्य के तत्कालीन पेशवा ने डफ को यह वाघनख दिया था.

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